घर में साड़ी पहनकर बेड पर बैठा मिला पौने चार करोड़ की ठगी का आरोपी, पुलिस को तीन दिन तक करनी पड़ी रेकी
पुलिस ने पौने चार करोड़ की ठगी के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी घर में साड़ी पहनकर बिस्तर पर बैठा था। पुलिस को उसे पकड़ने के लिए तीन दिन तक रेकी करनी पड़ी। आरोपी पर कई लोगों से ठगी करने का आरोप है, जिसके चलते पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। पश्चिम बंगाल के आसनसोल स्थित स्टील फैक्ट्री के सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करके पौने चार लाख रुपये ठग लिए गए। वहां की पुलिस ने जांच की तो रोजा की गोविंदनगर कॉलनी निवासी लोको पायलट के भाई अभिषेक उर्फ सम्राट सिंह का नाम सामने आया।
पुलिस टीम के साथ स्थानीय पुलिस दबिश देने पहुंची तो 10 घंटे इंतजार करना पड़ा। सुबह दरवाजा तोड़ने की चेतावनी देने पर अंदर प्रवेश कर पाए तो आरोपित महिला की साड़ी पहनकर बैठा मिला। पहले तो महिलाएं भांजे राजू की पत्नी बताकर भ्रमित करती रहीं, लेकिन जब नाम पूछा तो भेद खुल गया। आरोपित को तीन दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस गई है।
यह है पूरा मामला
पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिला के वलभद्र टावर निवासी अमल मन्ना वहां की स्टील फैक्ट्री में चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हैं। जून में उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया उनके खाता नंबर में हवाला का रुपया आया है। यह धनराशि करोड़ों में है। अमल मन्ना ने इस तरह के किसी भी लेनदेन से इनकार किया।
कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी भी नहीं है, जिस पर कॉल करने वाले ने स्वयं को साइबर सेल का एसपी बताते हुए कहा कि उसके पास साक्ष्य हैं। तब उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति की फंड की रकम आने की बात कही, जिस पर कॉल करने वाले ने कहा कि उन्हें तीन दिन के लिए डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है।
इस अवधि में किसी को कॉल नहीं करेंगे। इसके बाद आरोपित ने उनके व उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खाता व आधार नंबर ले लिए। जिनके माध्यम से तीन करोड़ 68 लाख रुपये बैंक खातों से निकॉल लिए। कहा कि जब बरी हो जाएंगे तो साइबर सेल से यह धनराशि वापस ले लेना। उनको भरोसा दिलाने के लिए आरबीआइ के चेक भी दिखाए।
तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद अमल के पास फिर से कॉल आई कि वह बरी हो गए हैं। इस बीच खातों से रकम निकलने पर स्वजन ने जानकारी जुटाना शुरू की तो पूरा मामला सामने आया। अमल ने आसनसोल के साइबर क्राइम ब्रांच के पास प्राथमिकी दर्ज कराई।
पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ में रोजा की गोविंदनगर कॉलनी निवासी अभिषेक उर्फ सम्राट का नाम भी सामने आया। उसके व कई अन्य लोगों के बैंक खातों का प्रयोग धनराशि भेजने में किया गया था, जिसके आधार पर वहां की साइबर क्राइम ब्रांच टीम के एसआइ दीपांकर देवनाथ व आलोक अपनी टीम के साथ तीन दिन से क्षेत्र में रेकी कर रहे थे।
बुधवार रात उन लोगों ने लोको पायलट महेंद्र सिंह के घर रह रहे उनके भाई अभिषेक को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी। वहां पर सिर्फ महिलाएं व भांजा राजू था। उन लोगों ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया। पूरी रात टीम इंतजार करती रही। सुबह रोजा पुलिस ने वहां पहुंचकर दरवाजा तोड़ने की चेतावनी दी, जिसके बाद टीम अंदर पहुंच सकी।
अभिषेक साड़ी पहनकर बेड पर बैठा हुआ था। पूछने पर उसका परिचय राजू की पत्नी के रूप में दिया गया, लेकिन शक होने पर पूछताछ शुरू की तो भेद खुल गया। आरोपित को गिरफ्तार कर थाने लाया गया।
न्यायालय में पेश करने के बाद क्राइम तीन दिन की रिमांड पर लेते हुए उसे आसनसोल लेकर चली गई। राजू को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन उसे छोड़ दिया गया।

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