Bhai Dooj Shubh Muhurat: भैया दूज पर कब है शुभ मुहूर्त? पंडित जी ने बताया- इस बार नहीं है राहुकाल का विशेष प्रभाव
दीपावली का पांचवां पर्व भैया दूज भाइयों की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाइयों के माथे पर टीका लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन यमुना को वचन दिया था कि वे कार्तिक शुक्ल द्वितीया को उनके घर आएंगे। तभी से भैया दूज मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन कलम दवात का पूजन भी किया जाता है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। दीपोत्सव का पांचवा पर्व भैयादूज गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार पर्व पर पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। जिन बहनों को दूसरे शहर जाना है या फिर भाइयों को अन्य जनपदों से बहनों की सुसराल आना है। उनका आवागमन बुधवार को शुरू हो गया।
भैया दूज पर रक्षाबंधन की तरह बहनें भाइयों के उपवास रखती हैं। उनके माथे पर टीका लगाकर यमराज से दीर्घायु की कामना करती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार यमराज को अपनी बहन यमुना से बेहद स्नेह था। एक बार उन्होंने बहन को वचन दिया कि कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया तिथि पर उनके घर आएंगे।
जब वह यमुना के घर पहुंचे तो उन्होंने खूब सत्कार किया। जिससे यम प्रसन्न हुए। उनके कहने पर यमुना ने वर मांगा कि हर साल कार्तिक माह के शुक्ल की द्वितीया तिथि पर उनके घर आकर भोजन करें। जो बहन इस दिन अपने भाई के माथे पर टीका करे उन्हें यम का भय न हो। तथास्तु कहकर यमराज ने उन्हें वचन दिया। तभी से भैया दूज मनाने की शुरुआत हुई।
इस दिन भाई अपनी बहनों को उपहार आदि भेंट करते हैं। बाबा विश्वनाथ मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को सुबह से लेकर शाम तक पूरे दिन यम द्वितीया तिथि है। उन्होंने बताया कि राहुकाल का विशेष प्रभाव नहीं है। ऐसे में पूरे दिन शुभ मुहूर्त है। भैया दूज पर कलम दवात का पूजन भी किया जाता है। कायस्थ समाज की ओर से सामूहिक रूप से पूजन को लेकर भी आयोजन किए जाएंगे।
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