आजम खां ने क्यों की मायावती की तारीफ? सांसद नदवी से बेरुखी और BSP सुप्रीमो की प्रशंसा से सपा समर्थक हैरान
सपा नेता आजम खां का सांसद नदवी से बेरुखी और मायावती की प्रशंसा से समर्थक हैरान हैं। पार्टी में खलबली है, जो अंदरखाने अशांति का संकेत है। अखिलेश यादव ने आजम खां से मुलाकात की, पर अंदरूनी कलह जारी है। नदवी ने पलटवार करते हुए कहा कि अब परिवार के लिए वोट देना मुसलमानों की डिक्शनरी में नहीं है। आजम ने मायावती की प्रशंसा करते हुए उन्हें बड़े जनसमूह की नायक बताया। सपा में आजम को लेकर स्थिति ठीक नहीं है, जिससे समर्थकों में बेचैनी है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। तल्ख तेवरों और तंज कसने में माहिर सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां की अपनी ही पार्टी के सांसद से बेरुखी और बसपा प्रमुख मायावती की प्रशंसा से उनके समर्थक भी हैरान हैं। वहीं पार्टी में भी खलबली मची हुई है। इसके संकेत भी मिल गए हैं कि अंदरखाने कुछ भी शांत नहीं है।
सौ से अधिक मुकदमो का सामना कर रहे आजम खां की नाराजगी के बीच पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव उनके घर आकर उनसे मिलकर गए। मीडिया के सामने गिले-शिकवे दूर होने के दावे भी किए गए मगर अंदरखाने उथल-पुथल के बड़े संकेत मिल रहे हैं। आजम खां जहां पुराने तेवरों के साथ अपनी ही पार्टी के सांसद पर तंज कस रहे हैं।
वहीं सांसद नदवी ने उन पर पलटवार कर अहसास कराने की कोशिश की है कि अब पुराने तेवर नहीं चलने वाले। सांसद ने साफ कह दिया कि किसी फैमिली के लिए वोट देना अब मुसलमानों की डिक्शनरी में नहीं रह गया है। अखिलेश का मौन समर्थन फिलहाल सांसद के साथ नजर आ रहा है। ऐसे में पार्टी में आजम की भूमिका को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
यह भी साफ हो चुका है कि आजम की मंशा न होने के कारण ही अखिलेश ने सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को लखनऊ से साथ लाने के बावजूद उन्हें बरेली में छोड़ दिया था। इसके बाद वह रामपुर में आजम खां से अकेले में मिले थे। इससे यह भी स्पष्ट हो गया अखिलेश ने भी फिलहाल सांसद से आजम की रार समाप्त कराने के प्रयास छोड़ दिए हैं।
सांसद नदवी के कटाक्ष आजम की अब उम्र हो चुकी है, वह हमें क्या अपने शहर इमाम तक को नहीं पहचानते भी शुक्रवार को दिन भर चर्चा में रहे। वहीं आजम खां ने पत्रकारों के सामने बसपा प्रमुख मायावती की प्रशंसा भी कर डाली। कहा, मैं ही नहीं उनका पूरा देश बहुत सम्मान करता है। वह एक बड़े जनसमूह की नायक हैं।
हम उनकी इज्जत और एहतराम करते हैं। अगर मीडिया के माध्यम से उनके पास कोई ऐसी खबर पहुंची है जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो तो उसके लिए मुझे अफसोस है। उनकी अहमियत की मेरे दिल में कोई कमी नहीं है। यह भी जोड़ा कि मेरा उनके बड़ों से भी रिश्ता रहा है।
ये बात किसी को नहीं मालूम कि सुबह जब मैं फजर की नमाज पढ़ता था तब कांशीराम उनसे मिलने आते थे। इन सब हालातों में यह तो साफ हो गया है कि आजम को लेकर सपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जल्द ही कोई बड़ा धमाका हो सकता है। इसको लेकर सपाई व आजम के समर्थकों में बेचैनी बढ़ती जा रही है।
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