MP की ID से कोटेदार के घर में चल रहा था आधार संशोधन का खेल, हरदोई के दो आरोपित गिरफ्तार
उज्जैन जिले में इंडियन ओवरसीज बैंक की आईडी का इस्तेमाल कर जलालाबाद के पल्हरई गांव में कोटेदार गुड्डू राठौर के घर फर्जी आधार कार्ड संशोधन किया ज ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। मप्र के उज्जैन जिले की इंडियन ओवरसीज बैंक की आइडी से जलालाबाद के पल्हरई गांव में कोटेदार गुड्डू राठौर के घर फर्जी तरीके से आधार कार्डों में संशोधन किया जा रहा था। हरदोई के दो युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया। जबकि कोटेदार की तलाश की जा रही है। मौके से लैपटाप, मशीन समेत तमाम सामान भी बरामद किया है।
तहसीलदार ने कार्रवाई के लिए पुलिस को तहरीर दी है। जलालाबाद में काफी समय से आधार संशोधन के नाम पर फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आ रही थी। तहसीलदार अनुराग दुबे को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस के साथ कोटेदार गुड्डू के यहां छापेमारी की। वहां हरदोई के बेहटा गोकुल क्षेत्र के मियापुर गांव निवासी हरिगोविंद व मझिला क्षेत्र के सादतनगर निवासी अंकित पांडेय को पकड़ लिया। जो लैपटाप से आधार संशोधन कर रहे थे।
आधार कार्ड संशोधन करने के लिए बुलाया
कोटेदार ने इन दोनों को दो हजार रुपये में फर्जी आधार कार्ड संशोधन करने के लिए बुलाया था। मौके से आधार कार्ड भी पुलिस को मिले हैं। हालांकि लैपटाप बंद होने की वजह से उसका पासवर्ड पुलिस को नहीं मिल पाया है, जो कोटेदार को ही पता है। उसकी गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो जाएगा कि अब तक कितने और किसके आधार कार्डों में संशोधन किया जा चुका है। जिस आइडी से आधार कार्ड संशोधन किए जा रहे थे, वह मप्र के उज्जैन जिले की इंडियन ओवरसीज बैंक की हैं। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि यह फर्जीवाड़ा बड़े स्तर पर चल रहा है।
आइडी कोटेदार को कैसे मिली है, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि पकड़े गए आरोपितों को आइडी के बारे में जानकारी नहीं है। अंकित पांडेय लखनऊ से आइटीआइ द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है और दूसरा आरोपित जनसेवा केंद्र संचालक है। तहसीलदार अनुराग दुबे ने बताया ग्राम पंचायत पल्हरई के कोटेदार गुड्डू राठौर के घर पर फर्जी आधार कार्ड संशोधन हो रहा था। यह कार्ड किस काम में प्रयोग हो रहे थे इसकी भी जानकारी की जा रही है।
आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। कोटेदार की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उसकी गिरफ्तारी से ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। - राजीव कुमार, प्रभारी निरीक्षक

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