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    Sant Kabir Nagar Lok Sabha Election: यूपी के इस सीट पर हुआ कम मतदान, अब समीकरण बदलने की होने लगी चर्चा

    Updated: Sun, 26 May 2024 10:45 AM (IST)

    संतकबीरनगर में किसका दांव सही पड़ा और किसका उल्टा यह तो परिणाम के बाद ही सामने आ सकेगा लेकिन कम मतदान से राजनीतिक हलकों में हलचल सामने आ रही है। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के शरद त्रिपाठी को जीत मिली थी। इसी क्रम में प्रवीण निषाद भी 2019 के चुनाव में जीत हासिल करके यह सीट लगातार दूसरी बार भाजपा के खाते में दर्ज कराने में सफल रहे थे।

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    बाघनगर के जूनियर हाईस्कूल में बने बूथ पर मतदान के लिए लगी कतार। जागरण

     राज नारायण मिश्र, जागरण संतकबीर नगर। मतदान खत्म होने के साथ ही संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के 11 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। एक तरफ मतदानकर्मी ईवीएम स्ट्रांग रूम में जमा कराने के लिए लेकर निकले तो दूसरी तरफ उम्मीदवारों के समीकरण बनने और बिगड़ने की चर्चाएं तेज हो गईं।

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    किसका दांव सही पड़ा और किसका उल्टा यह तो परिणाम के बाद ही सामने आ सकेगा, लेकिन कम मतदान से राजनीतिक हलकों में हलचल सामने आ रही है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शरद त्रिपाठी को जीत मिली थी। इसी क्रम में प्रवीण निषाद भी 2019 के चुनाव में जीत हासिल करके यह सीट लगातार दूसरी बार भाजपा के खाते में दर्ज कराने में सफल रहे थे।

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    2014 व 2019 के चुनावों में भाजपा और बसपा ही प्रमुख प्रतिद्वंदी रहे थे। प्रवीण निषाद मेंहदावल, धनघटा व खजनी में बढ़त हासिल करके करीब 36 हजार मतों से विजयी रहे थे। आलापुर व खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें बढ़त नहीं मिल पाई थी।

    इस बार चुनाव में एक के बाद एक टिकट परिवर्तन करके बसपा ने नदीम अशरफ को उतारा तो भाजपा ने प्रवीण निषाद और सपा ने लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद पर दांव लगाया है। वर्तमान चुनाव में खजनी और मेंहदावल दोनों विधानसभा क्षेत्रों में 2019 की तुलना में कम वोट पड़े हैं।

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    पिछले चुनाव में कम मतों से जीत-हार और कम मतदान प्रतिशत के साथ ही जातीय समीकरणों के आधार पर चर्चाओं में लोग परिणाम का अपने अनुसार कयास लगा रहे हैं। हालांकि उम्मीदवारों को उनके समर्थक अपने बूथों पर जीत दिलाने का विश्वास दिलाकर जीत के प्रति आश्वस्त करने का प्रयास तो कर रहे हैं लेकिन घटे मतदान से जिम्मेदारों के माथे पर बल दिख रहा है।