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    संत कबीर नगर के गोला बाजार में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों की असीम आस्था, दो सौ साल पुराना है इतिहास

    By Akhilesh DwivediEdited By: riya.pandey
    Updated: Sun, 16 Jul 2023 03:43 PM (IST)

    Sawan 2023 प्राचीन शिव मंदिर गोला बाजार का इतिहास दो सौ वर्ष से अधिक पुराना है। पूर्व में यहां चबूतरा पर स्थिति शिवलिंग की पूजा होती थी। यहां कबीर पंथियों का जमावड़ा रहता था। हनुमानगढ़ी मंदिर के निकट भगवान की शिव पूजा व भक्तों की आस्था देखकर 1948 में रामपल्टन कसौधन ने मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर बनने के बाद परिसर में पूजन-अर्चन होने लगा।

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    संत कबीर नगर के गोला बाजार में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों की असीम आस्था

    जागरण टीम, संत कबीर नगर: शहर के गोला बाजार में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों की आस्था है। खलीलाबाद बाईपास से तीन किमी दूरी व समय माता मंदिर खलीलाबाद से इस मंदिर की दूरी 1.5 किमी है। मुख्य मार्ग पर स्थित इस मंदिर पर पहुंचने के लिए बाईपास से हर समय साधन उपलब्ध रहता है।

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    मंदिर का इतिहास

    प्राचीन शिव मंदिर गोला बाजार का इतिहास दो सौ वर्ष से अधिक पुराना है। पूर्व में यहां चबूतरा पर स्थिति शिवलिंग की पूजा होती थी। यहां कबीर पंथियों का जमावड़ा रहता था। हनुमानगढ़ी मंदिर के निकट भगवान की शिव पूजा व भक्तों की आस्था देखकर 1948 में रामपल्टन कसौधन ने मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर बनने के बाद परिसर में पूजन-अर्चन होने लगा। वर्तमान में कसौधन परिवार द्वारा ही मंदिर की देखरेख व रंग-रोगन आदि कार्य कराया जा रहा है।

    मंदिर की विशेषता

    मंदिर शहर में मध्य में मुख्य मार्ग पर होने से हर समय भक्त पहुंचते रहते है। परिसर से सटे ही हनुमान मंदिर व निकट में हनुमानगढ़ी मंदिर है। यहां नियमित पूजन के साथ सोमवार को जलाभिषेक होता है। श्रावण मास में श्रद्धालु रुद्राभिषेक कराते हैं। भक्तों के सहयोग से पर्व पर कार्यक्रम होते रहते हैं। नवदुर्गा पूजा, महालक्ष्मी पूजा, गणेशोत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। यहां कोई पुजारी नहीं रखा गया है।

    छह पीढ़ी से मंदिर की सेवा में लगा परिवार

    सेवादार शिवम कुमार के अनुसार, छह पीढ़ी से हमारा परिवार मंदिर की सेवा में लगा है। मुझे पिछले 15 वर्ष से मंदिर में सेवा का सौभाग्य मिला है। सुबह व शाम सफाई स्वयं करता हूं। पूरा प्रयास यही रहता है कि भक्तों को कोई असुविधा न होने पाए। मंदिर के विस्तार का प्रयास चल रहा है।

    भक्त इंद्रावती देवी का कहना है कि बचपन से ही मंदिर में आना हो रहा है। घर के पास मंदिर होने से नियमित दर्शन मिलता है। हम सभी पर भोलेनाथ की कृपा है। बाबा के दरबार में आने से हर मनोकामना पूरी होती है।