ब्रिटिश मौलाना के स्वजन की तलाश में जुटी एसआईटी, देश में छिपे होने की आशंका
ब्रिटिश मौलाना के रिश्तेदारों की तलाश में एसआईटी सक्रिय हो गई है। आशंका है कि वे भारत में ही कहीं छिपे हैं। एसआईटी मौलाना के परिवार और करीबियों के बारे में जानकारी जुटा रही है, साथ ही सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हैं और तलाशी अभियान चला रही हैं।

ब्रिटिश मौलाना के स्वजन की तलाश में जुटी एसआईटी।
एसके सिंह, संतकबीर नगर। ब्रिटिश मौलाना शमसुल हुदा खान द्वारा अर्जित चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा जुटाने के बाद एसआइटी अब उसकी पत्नी सकलैन खातून, बेटा मौलाना तौसीफ रजा खान और बहू नसरीनजहान की तलाश में जुटी है। इन तीनों के देश में ही कहीं पर छिपे होने की आशंका है। इसके लिए पुलिस टीमें देश के विभिन्न हिस्सों में संभावित स्थानों पर दबिश के लिए भेजी गईं हैं।
बहरहाल अब तक की जांच में एसआइटी को संतकबीर नगर के अलावा गोरखपुर, कुशीनगर और आजमगढ़ जिले में मौलाना और उसके बेटे के नाम 18 बैंक खातों का विवरण प्राप्त हो चुका है।
यह बैंक खाते संतकबीर नगर के अलावा गोरखपुर, कुशीनगर और आजमगढ़ जिले में हैं। इन खातों में 94 लाख 23 हजार रुपये जमा थे। इसकी निकासी पर रोक लगा दी गई है।
मौलाना का नेटवर्क तोड़ने में जुटी एसआईटी को अब तक जिन 18 खातों के बारे में जानकारी मिली है। उनमें इंडियन बैंक में पांच खाते हैं जिसमें दो आजमगढ़ में है। एचडीएफसी के पांच बैंक खातों में दो कुशीनगर में है। सेंट्रल बैंक और पीएनबी में भी दो-दो खाते मिले हैं।
आईसीआईसीआई में एक और कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता मिला है। कोटक महिंदा का खाता गाेरखपुर में है। इन बैंकों में एनआरई (अनिवासी बाह्य) और एनआरओ (गैर-निवासी सामान्य) खाते खोले गए हैं। इन खातों का संचालन मौलाना और उसके बेटे के द्वारा किया जा रहा है।
इन बैंक खातों में विदेशों के साथ देश के भीतर से इधर उधर से करोड़ों रुपये आने जाने के विवरण जांच टीम के हाथ लगे हैं। इधर उधर से बड़ी रकम भेजने वाले कौन हैं, उनका मौलाना और उसके स्वजन से क्या संबंध है।
वहीं, किस मकसद से यह धन भेजे गए, इस बारे में एसआईटी ने बैंकों से पूरा विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। बैंक खातों में रूट डायवर्जन में आरबीआइ की गाइड लाइन का पालन किया गया है या नहीं, इस बारे में भी परीक्षण भी किया जा रहा है।
क्रय की गई दस करोड़ की कृषि योग्य जमीनें भी मिलीं
ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने के बाद मौलाना ने एनजीओ के जरिए देश-विदेश से मिले चंदे से अकूत संपत्ति खड़ी कर ली। खलीलाबाद के मोतीनगर में सील किए मदरसा के लिए प्रयुक्त होने वाले दो भवनों के अलावा दो करोड़ से अधिक की कृषि योग्य भूमि भी मिली है।
इसके अलावा कांटे में उसके बेटे तौसीफ रजा के नाम एक करोड़ और गांव में भी उतनी ही कीमत की कृषि योग्य भूमि क्रय किए जाने की सूचना सामने आने के बाद हर कोई हतप्रभ है। एसआइटी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विदेशी नागरिकता प्राप्त करने के बाद कोई व्यक्ति देश में कृषि योग्य भूमि नहीं क्रय कर सकता है।
ब्रिटिश मौलाना शमसुल हुदा खान पर लगे आरोपों की जांच कर रही एसआईटी को काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। मौलाना और उसके बेटे द्वारा संचालित एनआरआई और एनआरओ के 18 बैंक खातों का विवरण मिला है। इसके जरिए हुए लेन-देन की जांच की जा रही है। ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने के बाद उसके द्वारा अर्जित की गई चल-अचल संपत्तियों को ब्योरा जुटाने में राजस्व विभाग की भी मदद ली जा रही है। प्रकरण में पूछताछ के लिए मौलाना और उसकी पत्नी, बेटे तथा बहू की तलाश की जा रही है। -संदीप कुमार मीना, पुलिस अधीक्षक।

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