तिरंगे में लिपटा लौटा लाल, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार; सड़क हादसे में हुई थी मौत
Sant Kabir Nagar News संत कबीर नगर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान रत्नेश कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचने पर गांव में मातम छा गया। सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया जिसमें आईटीबीपी के जवानों और ग्रामीणों ने भाग लिया।
जागरण संवाददाता, महुली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान रत्नेश कुमार उर्फ दिवाकर पांडेय का पार्थिव शरीर बुधवार को बस्ती पोस्टमार्टम हाउस से पैतृक गांव कलान पहुंचा तो परिजनों और ग्रामीणों में कोहराम मच गया। चारों ओर चीख-पुकार और रोने-बिलखने की आवाज़ों से माहौल गमगीन हो गया। अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी और हर आंख नम हो गई।
30 वर्षीय दिवाकर पांडेय, त्रियुगीनाथ पांडेय के इकलौते पुत्र थे और करीब 12 वर्ष पहले आईटीबीपी में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह गुवाहाटी बटालियन में तैनात थे। रक्षा बंधन पर छुट्टी लेकर घर आए थे। सोमवार की देर रात बस्ती से पैतृक गांव लौटते समय ओड़वारा के पास बनकसही चौराहे पर उनकी बाइक एक स्कूटी से टकरा गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
शव गांव पहुंचा तो मां उर्मिला देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। दिवाकर के दो बच्चों 14 वर्षीय बेटी आराध्या (सुभी) और 11 वर्षीय बेटे शशांक पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी छाया बार-बार बेहोश हो रही थीं और कह रही थीं, अगर पता होता कि वह वापस नहीं लौटेंगे तो उन्हें बस्ती से जाने ही न देती। दिवाकर की पहली पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में हुई थी, जहां से उन्होंने देश सेवा की शुरुआत की। उनके साथी जवानों ने भी नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
बुधवार सुबह करीब 11 बजे बिडहर घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। 11 वर्षीय बेटे शशांक ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान आईटीबीपी बटालियन-18 प्रयागराज के जवानों ने संगीनों के साए में सशस्त्र सलामी दी।
अंतिम संस्कार में एसआई धीरेंद्र सिंह, हवलदार धुले घोष, मनीष पांडेय, कांस्टेबल संदीप मस्तवाल, विकास कुमार, अरुण कुमार, मंटू कुमार, अभिमन्यु कुमार, मोहम्मद निहाल आलम, अवनीश कुमार, ईश्वर सिंह समेत बड़ी संख्या में आईटीबीपी के जवान, पुलिसकर्मी और ग्रामीण मौजूद रहे।
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