संतकबीरनगर में बंदरों के आतंक से घर से नहीं निकल पा रहे हैं नगरवासी, एक महिला की हो चुकी है मौत
संतकबीरनगर में बंदरों के आतंक से लोग घरों से निकलने में डर रहे हैं। हाल ही में एक महिला की मौत के बाद दहशत और बढ़ गई है। बंदरों के झुंड राह चलते लोगों ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
संवाद सूत्र, बखिरा। नगर पंचाय बखिरा में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि लोग दिन-दहाड़े भी घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं। बंदर आए दिन राहगीरों, महिलाओं और बच्चों पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर रहे हैं। एक महिला की बंदर के काटने से मौत भी हो चुकी है जिसके बाद लोगों में भारी आक्रोश और दहशत है।
नगर पंचायत क्षेत्र के बूंदीपार, मेंडरापार, लेडुआ महुआ, बखिरा कस्बा, मंगल बाजार, शनिचरा बाजार और राजा मार्केट में बंदरों की संख्या सैकड़ों में पहुंच चुकी है। स्कूल जाते बच्चों को बंदर दौड़ा लेते हैं, वहीं छत पर कपड़े सुखाना भी मुश्किल हो गया है। लोग सुरक्षा के लिए लोहे के एंगल, जाली, झटका मशीन और अन्य उपायों में हजारों रुपये खर्च करने को मजबूर हैं।
एक माह में घायल हो चुके हैं आधा दर्जन लोग
बखिरा निवासी जगन्नाथ साहनी, काबुल, रामगोपाल, अतुल, सुशीला को बंदरों ने काटकर घायल कर दिया। वहीं अगस्त 2025 में लेडुआ महुआ की साकरून निशा (40) की बंदर के काटने के बाद चोट गंभीर होने से मौत हो गई थी।
स्थानीय निवासी प्राशु गुप्ता ने कहा कि बच्चों को अकेले बाहर भेजने में डर लगता है। बंदर स्कूली बैग और भोजन की थैली देखकर हमला कर देते हैं। रमजान (लेडुआ महुआ) ने बताया कि बंदरों के कारण महिलाओं और बच्चों का सड़क पर अकेले चलना मुश्किल हो गया है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ।
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हवीबुल्लाह ने कहा कि रात ही नहीं, दिन में भी 10 बजे के बाद सड़क पर निकलना मुश्किल हो जाता है, पूरा रास्ता बंदरों से भरा रहता है। जफर इकबाल, वार्ड 17 निवासी ने बताया कि कई दर्जन बंदर रास्ते पर बैठे रहते हैं, जिनसे लोग दहशत में हैं और नगर पंचायत प्रशासन से बंदर पकड़ने की मांग बार-बार कर रहे हैं।
जल्द अभियान चलेगा: ईओ
अधिशासी अधिकारी (ईओ) आदित्य प्रकाश ने बताया कि बंदरों के आतंक की शिकायत मिली है। जल्द ही अभियान चलाकर बंदरों को पकड़वाया जाएगा।

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