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दर्द में गुजर रही जिदगी, दावे की खुल रही पोल

सांथा ब्लाक के सबसे बड़े गांव लोहरसन में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां दो दर्जन से अधिक लोगों को छप्पर में रहने की मजबूरी है। नाली की समस्या का निदान नहीं होने के कारण जगह-जगह जलजमाव है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 20 May 2022 12:04 AM (IST)
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दर्द में गुजर रही जिदगी, दावे की खुल रही पोल

संतकबीर नगर : सांथा ब्लाक के सबसे बड़े गांव लोहरसन में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां दो दर्जन से अधिक लोगों को छप्पर में रहने की मजबूरी है। नाली की समस्या का निदान नहीं होने के कारण जगह-जगह जलजमाव है। यहां सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के दावे की पोल खुल रही है।

गांव की आबादी करीब दस हजार है। गांव की सफिया खातून के पास टूटे छप्पर का घर है। इसी मकान में आठ सदस्यों का कुनबा रहता है। उनका आज तक राशनकार्ड नहीं मिला। आवास के लिए यह दर-दर भटक चुकीं शायरा खातून भी झोपड़ी में रहती हैं। पन्नी लगाकर गुजर बसर हो रहा है। पांच सदस्यो का कुनबा इसी पन्नी के नीचे रहता है। मजदूरी करके जैसे-तैसे परिवार पेट पाल रहा है। इन्हें भी आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। दखतरुन्निशा जर्जर खपरैल में जिदगी बिता रही है। इन्हें भी आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। उनका कहना है कि कोई पूछने वाला नहीं है। इसी प्रकार गांव में पेयजल के लिए पानी की टंकी का निर्माण कराया गया है, लेकिन आपूर्ति में लगे घटिया पाइप के कारण जगह-जगह लीकेज होता रहता है। इससे सड़कों पर पानी जमा रहता है। इसके अलावा गांव में बनी नालियां भी पूरी तरह से जाम पड़ी हैं। गांव में आधा दर्जन से अधिक हैंडपंप भी खराब हैं।

सांथा के खंड विकास अधिकारी रामानंद वर्मा ने कहा कि जिन पात्र परिवारों को आवास आवंटित नहीं हुआ है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आवास आवंटित किया जाएगा। गांव के समग्र विकास के लिए खुली बैठक कर योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। जिम्मेदारों को प्राथमिकता के आधार पर मूलभूत कार्यों को संपादित करने का निर्देश दिया जाएगा।