संतकबीर नगर में धान बेचने वाले पांच एजेंसियों पर 69 किसानों का भुगतान अटका, 1.54 करोड़ रुपये बकाया
संतकबीर नगर में समर्थन मूल्य योजना के तहत धान बेचने वाले 69 किसानों का 1.54 करोड़ रुपये का भुगतान अटका हुआ है। खाद्य विभाग पर सबसे अधिक बकाया है, जबकि पीसीयू ने किसी को भी भुगतान नहीं किया है। 48 घंटे में भुगतान का वादा झूठा साबित हो रहा है, और किसान भुगतान के लिए भटक रहे हैं। अधिकारी जल्द भुगतान का आश्वासन दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, संतकबीर नगर। समर्थन मूल्य योजना के तहत धान बेचने वाले किसानों को समय से भुगतान नहीं मिल रहा है। जनपद के 69 पंजीकृत किसानों का खाद्य विभाग (एफसीएस), प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ), प्रदेश कोआपरेटिव यूनियन (पीसीयू), मंडी समिति व भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) आदि पांच एजेंसियों पर एक करोड़ 54 लाख 25 हजार रुपये बकाया है। सर्वाधिक बकाया खाद्य विभाग पर है।
वहीं पीसीयू अब तक धान बेचने वाले एक भी किसानों को भुगतान नहीं कर पाई है। पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिए किसानों के बैंक खाते में बेचने के 48 घंटे के अंदर भुगतान के दावे गलत साबित हो रहे हैं। भुगतान पाने के लिए किसान केंद्र प्रभारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं। केंद्र प्रभारी उन्हें जल्द भुगतान हो जाने का आश्वासन दे रहे हैं। पेश है रिपोर्ट...
किस एजेंसी पर कितने किसानों का बकाया
समर्थन मूल्य योजना के तहत गत एक नवंबर से धान खरीद शुरू हुई है। आगामी 28 फरवरी तक खरीद होगी। समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 2,369 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। शासन से जिले को 40 हजार टन धान खरीदने का लक्ष्य मिला है।
अब तक जनपद के 199 पंजीकृत किसानों ने 792.596 टन धान सरकारी केंद्रों पर बेचा है। इसमें खाद्य विभाग पर 43, पीसीएफ पर 09, पीसीयू पर 15, मंडी समिति पर एक व एफसीआइ पर एक कुल 69 धान बेचने वाले किसानों के बैंक खाते में भुगतान नहीं पहुंचा है।
क्या कहते हैं भुगतान पाने से वंचित किसान
नाथनगर ब्लाक के झिंगुरापार गांव के किसान मिठाई लाल ने कहा कि उन्होंने समर्थन मूल्य योजना से लाभान्वित होने के लिए पंजीकरण कराया था। धनघटा तहसील से रकबे का सत्यापन होने के बाद उन्होंने पीसीएफ के केंद्र पर पांच दिन पूर्व 5.87 क्विंटल धान बेचा था। अब तक उनके बैंक खाते में 14,023.43 रुपये नहीं पहुंचा।
बकाया भुगतान के लिए वह केंद्र प्रभारी के पास कई बार गए लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ। वहीं सांथा ब्लाक के मुड़िला गांव के किसान सोमई प्रसाद ने कहा कि सात दिन पूर्व उन्होंने पीसीएफ के केंद्र पर 23 क्विंटल धान बेचा था।
अब तक उनके बैंक खाते में 54,947 रुपये नहीं पहुंचा। शासन-प्रशासन का सरकारी केंद्र पर धान बेचने के 48 घंटे के अंदर भुगतान का दावा उनके लिए गलत साबित हो रहा है। केंद्र प्रभारी जल्द भुगतान हो जाने का आश्वासन दे रहे हैं।
किस एजेंसी पर किसानों का कितना बकाया-
| एजेंसी का नाम | भुगतान करना है | भुगतान किए | भुगतान बाकी (लाख रुपये) |
|---|---|---|---|
| खाद्य विभाग | 118.17 | 76.87 | 41.30 |
| पीसीएफ | 23.95 | 16.13 | 07.82 |
| पीसीयू | 27.54 | 00.00 | 27.54 |
| मंडी समिति | 19.27 | 18.41 | 00.86 |
| एफसीआइ | 189.34 | 112.61 | 76.73 |
| योग | 378.27 | 224.02 | 154.25 |
कभी-कभी सर्वर फेल होने से भुगतान में समस्या उत्पन्न होती है। वहीं कभी-कभी नाम, पता, बैंक खाता संख्या, आइएफसी कोड मैच न होने पर भुगतान नहीं हो पाता है। वह जल्द इन सभी किसानों का भुगतान कराने का प्रयास करेंगे।
कमलेश सिंह, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।

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