UP Crime: फर्जी पासपोर्ट के सहारे बैंकाक से लौट रहा था, मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार
फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भागे एक आरोपी को मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। उसने गलत पहचान से पासपोर्ट बनवाया था और 2023 में बैंकॉक चला गया था। जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था। मुंबई एयरपोर्ट प्रशासन ने एसपी संतकबीरनगर को सूचना दी जिसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर लाकर जेल भेज दिया गया। मामले में अब तक 21 गिरफ्तारियां हुई हैं।

जागरण संवाददाता, संतकबीरनगर । फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भागे एक आरोपित को पुलिस ने दो साल बाद मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बैंकाक से लौटते समय आरोपित जैसे ही गत चार सितंबर की रात छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, मुंबई पहुंचा, एयरपोर्ट प्रशासन ने उसे रोककर एसपी संतकबीरनगर को सूचना दी। इसके बाद यहां से पुलिस टीम मुंबई भेजी गई। कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ट्रांजिट रिमांड पर आरोपित को पुलिस खलीलाबाद लेकर आई।
एसपी संदीप कुमार मीना ने बताया कि दो साल पहले उसने फर्जी पहचान से पासपोर्ट बनवाया था। पकड़े गए आरोपित ने चन्दू पुत्र शंकर, निवासी नेहरू चौक, थाना कोतवाली खलीलाबाद, जनपद संतकबीरनगर के नाम से पासपोर्ट धारक बताया गया था। लेकिन जांच में सामने आया कि उसका वास्तविक नाम सुमन्त पुत्र दुलारे, निवासी शनिचरा पट्टी दूबे, पोस्ट ददरी, थाना बड़हलगंज, जनपद गोरखपुर है।
इस तरह आरोपित ने गलत पहचान और कूटरचित दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट बनवाया और वर्ष 2023 में बैंकाक चला गया था। उस समय मामले की जांच में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर उसके विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया था।
ट्रांजिट रिमांड पर लाकर न्यायालय में पेश किया गया
चार सितंबर की रात करीब 2:30 बजे जब आरोपित बैंकाक से लौटकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा, तो एयरपोर्ट प्रशासन ने उसे तत्काल हिरासत में ले लिया और एसपी संदीप कुमार मीना को सूचना दी। इसके बाद कोतवाली खलीलाबाद से उप निरीक्षक अनिल कुमार यादव व आरक्षी सुनील कुमार पाल की टीम मुंबई भेजी गई।
पुलिस टीम ने मुंबई की अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल किया और फिर आरोपित को खलीलाबाद लाया गया। आगे की कानूनी कार्रवाई के तहत न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपित के पास से फर्जी पासपोर्ट भी बरामद हुआ है।
फर्जी पासपोर्ट मामले में अब तक 21 गिरफ्तारी
जिले में फर्जी पासपोर्ट जारी किए जाने का मामला वर्ष 2023 में सामने आया था। तत्कालीन एसपी सत्यजीत गुप्ता ने पासपोर्ट सत्यापन में अनियमितताओं की शिकायत पर तत्कालीन सीओ अंशुमान मिश्रा से जांच कराई थी। जांच में वर्ष 2020-21 के बीच 101 पासपोर्टों के सत्यापन में हेराफेरी की पुष्टि हुई। इनमें कई आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों तथा गलत नाम-पते के आधार पर पासपोर्ट बनवाने की बात सामने आई।
एसपी के निर्देश पर सात मार्च 2023 को पासपोर्ट सेल के दारोगा कामेश्वर मिश्र, एलआईयू के पुलिसकर्मी मनोज पटेल और बिचौलिया वीरेंद्र यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जांच में और आरोपितों के नाम सामने आए। इस मामले पासपोर्ट सेल के दारोगा ने कोर्ट में समर्पण कर दिया, जबकि अन्य दो को पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस अब तक इस मामले में लगभग 18 आरोपितो को गिरफ्तार कर चुकी है। विदेश गए अन्य आरोपितों की तलाश में एलओसी जारी की जा चुकी है।
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