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    बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 26 Jun 2018 11:28 PM (IST)

    संतकबीरनगर: सौहार्द के प्रतीक संतकबीर के 620 प्राकट्य महोत्सव पर मंगलवार को भजन हुआ। समाधि मंदिर पर ...और पढ़ें

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    बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय

    संतकबीरनगर: सौहार्द के प्रतीक संतकबीर के 620 प्राकट्य महोत्सव पर मंगलवार को भजन हुआ। समाधि मंदिर पर संतकबीर संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने कबीर के दोहे, भजन के साथ मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। गीत-संगीत में वातावरण को कबीरमय बनाएं रखा। प्रस्तुति से जहां संत का रहस्य समझाया वहीं अटपट शब्द कबीर झटपट लिख न जाए, जो कोई झटपट लखै सब खटपट मिटि जाए,

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    बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय, जो घर देखा आपना मुझसे बुरा णा कोय, क्या काशी क्या मगहर जैसी सुक्तियों व दोहे सुनाकर सोचने पर विवश कर विचारों की प्रासंगिकता का समझाया।

    कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य ओमप्रकाश तिवारी ने वाद्य संत्र पर कबीर धुनि से किया। इसके पश्चात बृजबिहारी दूबे ने कबीर भजन सुनाकर संत का वंदन किया। प्रियंका शर्मा ने कोई कहै गो¨वदा . व मोहन से दिल क्या लगाया सुनाकर समा बांधा।

    कंचल लता ने साहब तेरी चरण की जो धूल पड़ गई., कबीर को प्रणाम, मगहर को है प्रणाम बारंबार सुनाकर संत का वंदन और कबीर की धरती पर आने वालों अभिनंदन किया।

    साक्षी ने पायोजी मैने राम रत्न धन ., रोशनी ¨सह ने माई दुनियां में इक दिन मटिया.,

    विवेक उपाध्याय ने जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि हैं मैं नाहि., अपने तो कबीर.. कबीर सुनाकर कबीर का संदेश दिया। आरडी रंजन ने सत्संग की गंगा बहाते चलो सुनाकर महिमा का बखान किया।

    ईश्वर ने तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार सुनाकर भक्ति मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

    कबीर बाल आश्रम के निशिकांत दास, दिपेश दास ने कबीर वाणी सुनाई। अपेक्षा द्विवेदी व साक्षी ने कबीर भजन

    व कबीर संगति साध की , कड़े न निर्फल होई, चंदन होसी बावना , नीब न कहसी कोई से

    संगति व वाणी की महत्ता का वर्णन किया।

    स्वास्तिका, अनुराधा, सरोजा पांडेय, अर्चना, सर्वदा, प्राची, महेश आदि निर्गुण की प्रस्तुति से मुग्ध किया।

    वाद्य यंत्र में आर्गन पर अजीत कुमार, पैड पर अनूप कुमार, नाल पर भूअर प्रसाद, तबला पर डीएसए त्रिपाठी ने ताल से ताल मिलाया।

    इस मौके पर महंत विचारदास, महंत केशवदास, लाल बाबा, शांतिदास, बीडी मिश्रा, विजय ठाकुर, रंजीत, भीम राय, ¨पटू राय, अनिता यादव, अभिषेक कुमार, आनंद शंकर पाठक, अलोक ¨सह, सुभाष चंद्र त्रिपाठी, प्रवीण यादव आदि मौजूद रहे। --