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    निमंत्रण पत्र: परिवेश के साथ बढ़ रहे शौक

    By Edited By: Updated: Wed, 18 Apr 2012 11:07 PM (IST)

    संत कबीर नगर:

    शादी-विवाह, उत्सव,जन्म दिवस, मुण्डन, गृह प्रवेश आदि अवसरों एवं विभिन्न आयोजनों पर एक दूसरे को आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण भेजने की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। समय के अनुसार इसमें तरह-तरह के बदलाव आते गये। बदलते परिवेश के साथ जहां बातों को कहने का स्वरूप बदला, वहीं कार्ड के नमूने व साज-सच्चा में बदलाव आया। मौजूदा समय में अब शौकिया अन्दाज के साथ शान-शौकत दर्शाने की पहचान बन रहे है। जिसमें खर्च की परवाह नहीं की जा रही है।

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    अपने ईष्ट मित्रों, सगे-संबधियों को वैवाहिक समारोहों, मुण्डन,उपनयन,गृह प्रवेश,मंगल कायरें सहित विभिन्न अवसरों व आयोजनों पर बुलाने व शरीक करने के लिए आमंत्रण देकर कर बुलाने की परम्परा कोई नयी नहीं लेकिन इसमें बदलते समय के साथ बदलाव जरूर आया। कभी शासकों व बड़े घरानों में शौक में तरह-तरह के निमंत्रण देने की पद्धति चलती रही। वह आज सामान्य परिवार में प्रचलन में आ चुका है। कभी चौपाई, दोहा, मंत्र, श्लोक , शेर, शायरी तो कभी बच्चों की तोतली आवाज व बाल आग्रह के माध्यम से जहां भावनाओं आमंत्रण को नया रूप दिया तो कार्डो की तरह-तरह की डिजाइनों से छपाई तक में एक अच्छा खासा बाजार तैयार किया। नित्य नये-नये तौर-तरीके के साथ वर्तमान में बड़े शहरों से आने-वाले कार्ड छोटी जगहों में एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर बाजार बनता चला गया। अब तो जहां बाजारों में हर समय कुछ नया बनाने के लिए नये नमूने के कार्ड की मांग, बढ़ी साथ ही छपाई व कम्प्यूटरीकृत डिजाइन ने लोगों को आकर्षित किये हुए है। वहीं शौक इस कदर है कि लोग अब बाजारों में बिकने वाले कार्ड से अलग कार्ड बनाने तथा नेह निमंत्रण के स्नेह को बढ़ाने में लगे हुए है। समारोह की याद व आमंत्रण को तरोताजा रखने के लिए कभी कैलेण्डर, सन्दूक, पर्स, कैरी बैग,लाकेट, समय चक्र,फोल्डर प्रपत्र आदि प्रचलन में रहा, तो कभी कार्ड पर दूल्हे-दूल्हन सहित होने वाले समारोह की तस्वीर तो अब आकर्षक साज-सच्चा के बीच फोटो फ्रेम,रत्‍‌न जड़ित करने के साथ निमंत्रण पत्र को और खूबसूरत बनाने का क्रम चल रहा हैं। जिला मुख्यालय पर कार्ड का कारोबार करने वालों ने बताया कि समय के अनुसार में बाजार में मांग के अनुरूप कार्ड आये और व्यवसाय को देखते हुए उन्हें रखना आवश्यक हो गया। इसके साथ ही कुछ नमूनों के अनुरूप कार्ड की मांग बढ़ रही है। लेकिन अब महंगे कार्ड के अलावा आमंत्रण पत्र को अलग रूप दिया जा रहा है। जिसमें सारी चीजें एक स्थान पर सुलभ हो पाना संभव नही है। बाजार में साधारण कार्ड के अलावा चार रुपये से लेकर पांच सौ तक के कार्ड उपलब्ध है। इनकी सज्जा के लिए विभिन्न प्रकार की डोरी व अन्य सामग्रियां उपलब्ध है। जिसमें प्रति सैकड़ा के हिसाब से साठ रुपये से लेकर चार सौ रूपये तक की दर से छपाई की जा रही हैं। विशेष कार्ड के लिए कुछ स्थानों पर अग्रिम बुकिंग कर उपलब्ध कराया जाता हैं।

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