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    मगहर महोत्सव लटकने से अनुयायियों में निराशा

    By Edited By:
    Updated: Fri, 06 Jan 2012 07:48 PM (IST)

    संत कबीर नगर:

    विधानसभा चुनाव की तिथि फरवरी में घोषित हो जाने से कबीर की निर्वाण स्थली मगहर में प्रति वर्ष बारह से अट्ठारह जनवरी के मध्य आयोजित होने वाला महोत्सव इस बार अधर में लटक गया है। प्रशासन ने यह कार्यक्रम चुनाव बाद कराने की तैयारी कर रखी है। इससे खासकर कबीर के अनुयायियों में काफी निराशा है। स्थानीय दुकानदार भी सांस्कृतिक सौहार्द मेला आयोजित न हो पाने से मायूस हैं।

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    उल्लेखनीय है कि मगहर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले महोत्सव को भव्य रूप देने के लिए शासन द्वारा पचीस लाख रूपये खर्च किया जाता है। इसमें क्षेत्रीय कलाकारों के जरिये भजन, लोक गीत, खेलकूद, कवि गोष्ठी, कौव्वाली जैसे डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। करीब एक सप्ताह तक चलने वाले सांस्कृतिक सौहार्द मेले में दूर-दराज के व्यवसायी भी अपनी दुकानें लगाने चले आते हैं। बच्चों व महिलाओं के लिए महोत्सव में जहां मनोरंजन के भरपूर साधन रहते हैं, वहीं बुद्धिजीवियों को कबीर के दर्शन व संदेशों पर चिंतन करने का अच्छा मौका मिलता है। जानकारों के अनुसार मगहर में आयोजित होने वाले महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से कबीर पंथी हिस्सा लेने आते हैं। महोत्सव की रौनक दिसंबर के अंतिम सप्ताह से दिखने लगती थी। दुकानदार अपनी दुकानें, झूला व थियेटर लगने शुरू कर देते थे किन्तु इस बार में यहां सन्नाटा छाया हुआ है। जिला प्रशासन ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कार्यक्रम को दो माह के लिए टाल दिया है। अब महोत्सव का आयोजन 10 से 16 मार्च, 12 के बीच होगा। इससे मगहर के स्थानीय नागरिक, दुकानदार व कबीर के अनुयायियों में काफी निराशा है।

    मगहर कस्बा निवासी शाह आलम ने बताया कि यह पहला मौका है जब वर्षो से चली आ रही परम्परा को समय पर न आयोजित कराते हुए टाल दिया गया है। प्रशासन को अपने निर्णय पर एक बार पुनर्विचार करना चाहिए तथा हर संभव महोत्सव को निर्धारित समय पर ही कराना चाहिए। इसी क्रम में कस्बा निवासी रमेश गुप्ता ने कहा कि जनवरी में यहां आयोजित होने वाला सांस्कृतिक सौहार्द मेला कबीर के संदेशों को दूर तक पहुंचाता है। इस कार्यक्रम के आयोजन से सामाजिक समरसता तो बढ़ती ही है, क्षेत्रीय कलाकारों को भी आगे आने का मौका मिलता है। चुनाव के मद्देनजर कार्यक्रम को टालना उचित नहीं है। आखिर इसके आयोजित होने से क्या व्यवधान पड़ता। यही नहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक पाण्डेय ने समय पर ही महोत्सव का आयोजन करवाने के लिए राज्यपाल को पत्र भी प्रेषित किया है। बावजूद इन सबके आयोजन का समय से होना अब मुमकिन नहीं दिख रहा है।

    चुनाव की व्यस्तता से बदलना पड़ा कार्यक्रम-डीएम

    संत कबीर नगर: जिलाधिकारी दिनकर प्रकाश दुबे ने बताया कि मगहर महोत्सव एक बड़ा कार्यक्रम है। चूंकि चुनाव की तैयारी भी करनी है, ऐसे में एक साथ दोनों कार्य संभव नहीं है। इसी वजह से महोत्सव को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। चुनाव बाद मगहर महोत्सव भव्यता व गरिमा के साथ आयोजित किया जायेगा।

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