नौलखा पुलिस चौकी: मौसम से बचाव की सुविधा नहीं
संत कबीर नगर: तहसील क्षेत्र में निर्धारित क्षेत्र के सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे थानो के अंतर्गत स
संत कबीर नगर:
तहसील क्षेत्र में निर्धारित क्षेत्र के सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे थानो के अंतर्गत स्थापित किए गए चौकियों पर तैनात पुलिस कर्मी खुद की सुरक्षा को लेकर समस्या झेल रहे हैं। बखिरा थाने के सांथा और बखिरा चौकी समेत मेंहदावल के नौलखा पुलिस चौकी का हाल इसी तरह से है, जहां मौसम की मार से बचाव की व्यवस्था नहीं है। अनुशासन की मजबूरी कहें या नौकरी की विवशता पर चौकियों पर तैनात पुलिस कर्मी कड़ाके की ठंड में समस्याओं की मार झेलने को विवश हैं।
बखिरा थाना क्षेत्र के 75 गांवों के लिए सांथा में पुलिस चौकी बनाई गई थी। यहां एक उपनिरीक्षक के साथ 8 हेड कांस्टेबिल और 9 कांस्टेबिल मिलाकर कुल 18 कर्मियों की तैनाती है। ¨सचाई विभाग के जमीन पर स्थित अस्थाई निर्मित कमरे में चौकी का संचालन शुरु किया गया था। चौकी के चारो तरफ बनी चहारदीवारी ध्वस्त हो गई है। एस्वेस्टस सीट के छाजन से बने कमरे में चौकी का संचालन हो रहा है परंतु बंदरों के कूदने से अक्सर सीट टूट जाने से मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। इसी तरह से मेंहदावल के कछार क्षेत्र मे पुलिस की धमक के लिए नौलखा मे चौकी की स्थापना की गई थी। इसके लिए भी बाढ़ राहत शिविर को चुना गया। यहां खेतों के बीच बनी चौकी पर ठंढ के मौसम में पुलिस कर्मी ठिठुरकर रहने को मजबूर हैं। यहां बरसात और शीत से सुरक्षा को इंतजाम नहीं हैं और पालीथीन की पन्नियां ही यहां तैनात पुलिस कर्मियों के लिए एक मात्र सहारा हैं। बखिरा मे पहले पुलिस थाना रहे चौकी का भी हाल इससे बेहतर नहीं है। यहां अब तक चौकी प्रभारी का कार्यालय तक नहीं बन पाया है। छप्पर मे चौकी इंचार्ज का कार्यालय संचालित होता है यहां बरसात और ठंड का मौसम भारी पड़ता है। तेज बरसात होने पर पूरी चौकी पानी से भर जाती है जिससे सिर छुपाने के लिए पुलिस कर्मी त्रस्त हो जाते हैं। पुलिस चौकियों की दुर्दशा के बारे मे पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने कहा कि वह अपने स्तर से बेहतर पुलि¨सग प्रदान करने के साथ ही पुलिस कर्मियों की समस्याओं को दूर कराने का प्रयास कर रहे हैं।
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