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    जल संरक्षण की खुलेआम अनदेखी, कार्रवाई के अभाव में वाशिंग सेंटर मनमानी पर उतारू

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 06:32 PM (IST)

    शहर में जल संरक्षण नियमों का उल्लंघन हो रहा है, वाशिंग सेंटर मनमानी कर रहे हैं क्योंकि उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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    संवाद सहयोगी, जागरण, चंदौसी। जल संरक्षण को लेकर सरकार भले ही सजग है मगर, स्थानीय स्तर के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि नगर की सड़कों पर बने वाशिंग सेंटर व कुछ घरों के बाहर वाहनों की धुलाई के नाम पर रोज हजारों लीटर पानी सड़कों पर बहाया जा रहा है।

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    शहर में आने वाले समय में पानी की किल्लत बड़ी चिंता बन सकती है लेकिन, नगर क्षेत्र में पानी की बर्बादी पर किसी का ध्यान नहीं है। शहर और बाहरी क्षेत्र में करीब 10 से अधिक वाशिंग सेंटर ऐसे हैं। जहां एक सेंटर पर प्रतिदिन सौ से ज्यादा चारपहिया और दोपहिया वाहनों की धुलाई की जाती है।

    इन सेंटरों से रोज़ाना 20 से 25 हजार लीटर तक पानी सड़कों पर बह जाता है। जिससे न सिर्फ जल की बर्बादी हो रही है बल्कि सड़कें भी खराब हो रही हैं। चौंकाने वाली बात यह वाशिंग सेंटर बिना किसी वैध जल कनेक्शन और लाइसेंस के ही चल रहे हैं। न तो इनके पास नगर पालिका की स्वीकृति है और न ही किसी विभाग की निगरानी।

    सबमर्सिबल पंपों के जरिए बेधड़क पानी खींचकर दिनभर धुलाई का काम किया जा रहा है। हालांकि नगर पालिका प्रशासन की ओर से कई बार चेतावनी तो दी गई, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए यह वाशिंग सेंटर खुलेआम चल रहे है।

    रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्लान से रोकी जा सकती जल बर्बादी

    शहर में वाशिंग सर्विस सेंटरों पर रोजाना बहाए जा रहे हजारों लीटर पानी की बर्बादी को रोकने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्लान एक प्रभावी विकल्प साबित हो सकता है। यह जानकारी देते हुए श्री नारायण समिति के प्रबंधक हरीश कठैरियां ने दी। उन्होंने बताया कि यदि प्रत्येक वाशिंग सेंटर पर रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाया जाए, तो 70 से 80 प्रतिशत पानी दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।

    इस तरह के प्लान से सबमर्सिबल पंप से गिरते भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है और शहर में गिरते जल स्तर के खतरे को कम किया जा सकता है। उन्होंने जल संरक्षण को लेकर अभियान चलाकर नगर के 1500 सौ घरों में लगने वाले पानी के टैंकों पर वाटर ओवर फ्लो अलार्म लगवाए गए है।

     

    शहर के साथ बाहरी क्षेत्र में बिना अनुमति के वाशिंग सेंटर चला रहे हैं, जिन पर कार्रवाई की तैयारी की जाएगी। पालिका कर्मचारी व जल निगम से संयुक्त रूप मेंं सर्वे कराकर अवैध रूप से चल रहे सभी वाशिंग सेंटरों को नोटिस जारी करेंगे और वैध लाइसेंस व जल कनेक्शन अनिवार्य किए जाएंगे।

    - धर्मराज राम, ईओ, नगर पालिका