यूपी में जल्द होंगे 1641 टीचरों के ऑफलाइन ट्रांसफर, शासन से आदेश जारी होने पर शिक्षकों ने जताई खुशी
लंबे समय से ऑफलाइन स्थानांतरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे शिक्षकों की मेहनत आखिरकार रंग ले ही आई। शासन ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑफलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूर्ण करने की अनुमति प्रदान कर दी है। अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि निदेशालय स्तर पर लंबित 1641 शिक्षकों के ऑफलाइन स्थानांतरण जल्द किए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, चंदौसी। लंबे समय से ऑफलाइन स्थानांतरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे शिक्षकों की मेहनत आखिरकार रंग ले ही आई। शासन ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के ऑफलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया को पूर्ण करने की अनुमति प्रदान कर दी है। अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि निदेशालय स्तर पर लंबित 1641 शिक्षकों के ऑफलाइन स्थानांतरण जल्द किए जाएंगे।
शासनादेश के अनुसार यह प्रक्रिया इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 की धारा 16 के अंतर्गत बने विनियमों के अध्याय-3 के विनियम-59(4) के प्रविधानों के अधीन पूरी की जाएगी। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र में इन 1641 शिक्षकों के स्थानांतरण के बाद कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही, किसी शिक्षक को ऐसे विद्यालय में नहीं भेजा जाएगा जहां वह पूर्व में कार्यरत रह चुका हो।
शासन ने शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), प्रयागराज को निर्देश दिए हैं कि इन शर्तों के अनुसार स्थानांतरण की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए। वहीं स्थानांतरण आदेश जारी होने की सूचना मिलते ही शिक्षकों में हर्ष की लहर दौड़ गई। स्थानांतरण आंदोलन में जुड़े सभी संगठनों ने इसे सामूहिक विजय बताया है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष शुभेन्द्र शरण त्रिपाठी ने आदेश जारी होने पर खुशी और माध्यमिक शिक्षामंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी का आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि यह सफलता सभी शिक्षकों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है। उन्होंने बताया कि सूची जारी होने के बाद शिक्षक राज्यमंत्री के घर जाकर धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। उन्होंने बताया कि स्थानांतरण के लिए संघर्ष की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से हुई थी। इसके बाद कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की ओर से आश्वान भी मिले, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
इसके बाद सैकड़ों शिक्षक स्थानांतरण की सूची जारी करने की मांग करते हुए 25 सितंबर को राज्यमंत्री के आवास पर धरना देकर बैठक गए। इसके बाद 30 सितंबर को शिक्षकों को मंत्री आवास से उठाकर नगर पालिका के अस्थाई कार्यालय कंपनी बाग में शिफ्ट कर दिया गया था। धरना प्रदर्शन के 12वें दिन मंत्री के आवास पर हुई वार्ता के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आया, जिसके बाद शिक्षकों ने छह अक्टूबर को अपना धरना समाप्त कर दिया था।
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