बंदरों ने ऐसा क्या किया जो भरभराकर गिर पड़ी छत? मलबे में दबकर युवती की मौत
असमोली थाना क्षेत्र के गांव नगला नीडर में बंदरों के झुंड के कूदने से एक कच्चे घर की छत गिर गई, जिससे 27 वर्षीय वसु की मलबे में दबकर मौत हो गई। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने बंदरों के बढ़ते आतंक पर चिंता जताई है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। लेखपाल ने घटना की जानकारी ली है।

संवाद सूत्र, मढ़न । असमोली थाना क्षेत्र के गांव नगला नीडर में बंदरों के झुंड के कूदने से एक कच्चे घर की छत भरभराकर गिर पड़ी। छत के मलबे में दबकर युवती की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद स्वजन में कोहराम मच गई। वहीं ग्रामीण बंदरों के बढ़ते आतंक से परेशान हैं।
असमोली थाना क्षेत्र के गांव नगला नीडर निवासी कुलदीप राठौर की 27 वर्षीय बेटी वसु मंगलवार की रात अपने घर में बने कच्चे कमरे में सो रही थी। बाकी स्वजन कमरे के बाहर बरामदे में थे। इसी दौरान रात लगभग 12 बजे बंदरों का एक बड़ा झुंड घर की छत पर कूदने लगा। बंदरों की उछलकूद से छत अचानक भरभराकर गिर पड़ी और कमरे में सो रही वसु मलबे के नीचे दब गई।
तेज भरभराने की आवाज सुनकर स्वजन व पड़ोसी नींद से जाग गए। छत गिरी देख घर में चीख पुकार मच गई। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर छत के मलबे को हटाया और बड़ी मुश्किल से युवती को बाहर निकाला। साथ ही उसे तुरंत नजदीकी निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया, लेकिन चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत की जानकारी मिलते ही स्वजन में कोहराम मच गया। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतका वसु तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बंदरों के झुंड आए दिन घरों की छतों पर कूदफांद करते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि घरों में महिलाएं रसोई तक में चैन से काम नहीं कर पातीं। गांव के लोगों ने प्रशासन से बंदरों को जल्द पकड़वाने और उनके आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। वहीं लेखपाल रिंकू सिंह पीड़ित स्वजन से मिले और जानकारी की। उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

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