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    बावड़ी, कुआं और कमरा... संभल में दूसरे दिन खुदाई के दौरान क्या-क्या मिला? अब फिर चलेगा बुलडोजर

    Sambhal News संभल के चंदौसी में दूसरे दिन भी बावड़ी की खुदाई की गई। टीम को दूसरे दिन बावड़ी का अस्तित्व नजर आया है।स्थानीय लोगों ने हिंदू संगठनों के साथ मिलकर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर इन ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने की मांग की थी। बावड़ी को पूरी तरह से मिट्टी में दबा दिया गया था। अब बावड़ी के नीचे कमरा मिला है।

    By Om Prakash Shankhdhar Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 22 Dec 2024 07:36 PM (IST)
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    संभल के क्षेमनाथ मंदिर स्थित कुएं में दिखा पानी। जागरण

    जागरण संवाददाता, चंदौसी। शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम को प्रार्थना पत्र देकर हिंदू संगठन के लोगों की ओर से चंदौसी में स्थित मंदिर और बावड़ी कुआं पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर उन्हें विलुप्त किए जाने का आरोप लगाते हुए इनको वास्तविक स्वरूप में लाकर संरक्षित करने की मांग की गई थी।

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    इस पर मुहल्ला लक्ष्मण गंज शनिवार की शाम खुदाई शुरू हुई तो बावड़ी का अस्तित्व नजर आया। रविवार को भी पूरे दिन खुदाई का काम चला। इसमें अब बावड़ी के अंदर बने कमरे नजर आने लगे हैं। डीएम व एसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी और बांके विहारी मंदिर का भी जीर्णोद्वार कराने की बात कही।

    बावड़ी में नीचे की ओर मिला कुआं

    प्रशासन के पास मौजूद नक्शे के अनुसार, पूरी तरह से मिट्टी में दबा दी गई बावड़ी 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनी है, जबकि मौके पर 210 वर्ग मीटर ही जगह है। बाकी जगह पर आसपास के लोगों ने कब्जा कर पक्का निर्माण करा लिया है। चार मंजिला बावड़ी में नीचे की ओर कुआं है। इसमें चार कमरे बने हुए बताए जा रहे हैं। इसकी दो मंजिलों को मार्वल से तैयार कराया गया है, जबकि ऊपरी मंदिल को ईंट से बनाया गया हैं।

    बिलारी के राजा ने कराया था निर्माण

    बताया जाता है कि इसे बिलारी के राजा ने बनवाया था। कई दशक पूर्व लोगों ने इसे मिट्टी में दबा दिया था। अब बावड़ी के साथ ही इसी मुहल्ले में स्थित बांके बिहारी मंदिर का भी जीणोंद्वार कराए जाने का प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है।

    तीन दिन पहले एसडीएम को पत्र देकर हिंदू नेता कौशल किशोर वंदेमातरम द्वारा लक्ष्मणगंज में स्थित बांके बिहारी मंदिर को विलुप्त कर जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाते हुए इसको पुन: अस्तित्व में लाने की मांग की गई थी।

    इसके बाद शनिवार को चंदौसी तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में लक्ष्मण गंज में ही मंदिर से कुछ दूरी पर बावड़ी होने का दावा करते हुए उसे अस्तित्व में लाकर सौंदर्यकरण कराने का प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को दिया गया था।

    डीएम ने बुलडोजर से करवाई खुदाई

    इस पर डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा एवं तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर भेजकर बुलडोजर से खुदाई कार्य शुरू कराया था। शाम को साढ़े चार बजे से शुरू कराई गई खुदाई के दो घंटे बाद ही बावड़ी का अस्तिव नजर आने लगा था। रविवार को सुबह से ही बुलडोजर व लेबर से बावड़ी के अंदर भरी मिट्टी को हटवाया गया। शाम तक इस बावड़ी में बने कमरे नजर आने लगे।

    संभल जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया

    जनसुनवाई के दौरान बावड़ी एवं बांके बिहारी मंदिर के बारे में जानकारी मिली थी। शनिवार से ही बावड़ी से मिट्टी हटवाने का काम शुरू करा दिया, रविवार को भी नगर पालिका की टीम इस कार्य में जुटी रही। बावड़ी के स्ट्रक्चर को कोई क्षति न पहुंचे इसलिए धीरे-धीरे मिट्टी हटाने का काम किया जा रहा है। बावड़ी की जमीन पर जो भी अवैध निर्माण किया गया है, उसे हटाया जाएगा। इसके साथ ही बांके बिहारी मंदिर का भी जीर्णोंद्वार कराया जाएगा।

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