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    संभल में बावड़ी की तीसरे दिन खुदाई में नजर आई सीढ़ियां, डीएम ने कहा- कार्रवाई होगी… प्रशासन के एलान से मचा हड़कंप!

    चंदौसी के मोहल्ला लक्ष्मणगंज में जमींदोज हो चुकी बावड़ी की खुदाई तीसरे दिन भी जारी रही। बुलडोजर और पालिका के दो दर्जन कर्मचारियों की मदद से बावड़ी की सीढ़ियां नजर आने लगी हैं। लेकिन बावड़ी के आधे से अधिक हिस्से पर अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण करा लिया गया है जिसे प्रशासन हटाने का मन बना रहा है। इसके चलते कब्जेदारों में हड़कंप मच गया है।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 24 Dec 2024 01:42 AM (IST)
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    चंदौसी में बावड़ी की खोदाई में लगे पालिका कर्मचारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, चंदौसी। शहर के मोहल्ला लक्ष्मणगंज मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जमींदोज हो चुकी बावड़ी की खुदाई तीसरे दिन भी जारी रही। बुलडोजर के साथ ही पालिका के दो दर्जन कर्मचारियों द्वारा किए गए काम के बाद बावड़ी की सीढ़ियां नजर आने लगी है। 

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    इसके आधे से अधिक हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर पक्का निर्माण करा लिया गया है, जिसे प्रशासन हटाने का मन रहा है। इसमें कुछ इमारतों के तोड़े जाने की आशंका ने कब्जेदारों के होश उड़ा दिए हैं। कुछ लोग बावड़ी अपनी जमीन पर होने का दावा भी कर रहे हैं।

    डीएम के निर्देश पर हो रही खुदाई

    पहले एसडीएम को पत्र देकर हिंदू नेता कौशल किशोर वंदेमातरम द्वारा लक्ष्मणगंज में स्थित मंदिर को विलुप्त कर जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाते हुए इसको पुनर्जीवित करने की मांग की गई थी। 

    इसके बाद शनिवार को चंदौसी तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में भी मंदिर और लक्ष्मण गंज में ही बावड़ी होने का दावा करते हुए उसे अस्तित्व में लाकर सुंदरीकरण कराने का प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को दिया गया था। 

    इस पर डीएम डाॅ. राजेंद्र पैंसिया ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा एवं तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर जाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए।

    400 वर्ग मीटर जगह में बनी हुई थी बावड़ी

    शनिवार की शाम से ही बुलडोजरों से खुदाई कर बावड़ी की तलाश शुरू कर दी गई थी। सोमवार को तीसरे दिन भी खुदाई का काम चलता रहा। इसमें पालिका के दो दर्जन कर्मचारी व दो बुलडोजर लगे हैं। इसके चलते बावड़ी में नीचे उतरने के लिए बनाई गईं सीढ़ियां नजर आने लगीं हैं। 

    नक्शे के अनुसार, बावड़ी 400 वर्ग मीटर जगह में बनी हुई थी, जबकि मौके पर सिर्फ 210 वर्ग मीटर ही जमीन नजर आ रही है। ऐसे में बाकी की जमीन पर आसपास के लोगों ने पक्का निर्माण कर अवैध कब्जा कर लिया है। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया के अनुसार, बावड़ी की भूमि पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। 

    बता दें कि बावड़ी में सबसे नीचे कुआं और उसपर तीन मंजिल में घुमावदार कमरे बनाए गए थे। इनमें दो मंजिल जमीन के अंदर मार्वल और एक मंजिल जमीन के ऊपर ईंटों से बनवाई गई थी। ऊपरी मंजिल को लोगों ने ध्वस्त कर दिया और बाकी बचे हिस्से को मिट्टी के नीचे दबा दिया गया। 

    इधर, बावड़ी की जमीन को लेकर लोगों ने दावेदारी शुरू कर दी है। इसमें खुद को पूर्व महारानी सुरेंद्रबाला की पोती का दावा करने वाली शिपरा गेरा बावड़ी को अपनी सम्पत्ति बता रही हैं।