411 वर्ष पुरानी है सौंधन मोहम्मदपुर की शाही जामा मस्जिद
411 वर्ष पुरानी है सौंधन मोहम्मदपुर की शाही जामा मस्जिद
सौधन: कस्बे के पूर्वी छोर पर स्थित शाही जामा मस्जिद अपने अंदर चार सौ सालों का इतिहास समेटे हैं। इसका विशाल भवन प्राचीन मुगलकालीन स्थापत्य कला व आधुनिक निर्माण शैली का अनोखा संगम हैं। मस्जिद परिसर में एक साथ कई हजार लोग नमाज अदा कर सकते हैं। करवा शाही जामा मस्जिद के हाफिज अब्दुल रहमान के अनुसार तत्कालीन मुगल शासक आगरा के गवर्नर रुस्तम अली खान ने 1637 इस्वी में सौंधन मोहम्मदपुर का गवर्नर बनाकर भेजा था। उसी समय रुस्तम अली खाने यहां पर एक किले का निर्माण कराया। उन्होंने मस्जिद की तीन दरों को बनवाया था, इसमें पूरी तरह मुगलकालीन स्थापत्य कला का प्रयोग किया गया था। रुस्तम खां यहां से चले गए और यह मस्जिद की यहां पर रहने वाले के हवाले कर गए। इन्हीं रुस्तम अली खाने मुरादाबाद की शाही जामा मस्जिद का भी निर्माण कराया था। कालांतर में कस्बे के आलिम अली दीनी तालीम के लिए दिल्ली गए। वर्ष 1838 में मस्जिद को देखरेख के लिए उन्होंने किसी को नियुक्त किया। इसके बाद उन्होंने जामा मस्जिद खुलवाई व उसे आबाद कराया। दो साल से अब्दुल रहमान जामा मस्जिद के इमाम बने हैं। ब्रिटिश काल से लेकर अब तक इस मस्जिद में कई दरें, मीनार व गुंबदों का निर्माण कराया गया। मस्जिद के इमाम हाफिज अब्दुल रहमान ने बताया अब मस्जिद में कार्य रुके हुए हैं। मस्जिद में गलियारा, वजू के लिए हौज व वजू खाना का भी निर्माण कराया गया है। मस्जिद के चार विशाल प्रवेश द्वार हैं। इतना ही नहीं मस्जिद के अंदर के गुंबद हैं, जो आकर्षण का केंद्र हैं। वहीं कारवां शाही जामा मस्जिद सौधन मोहम्मदपुर के पेश इमाम हाफिज अब्दुल रहमान ने बताया कि इस मस्जिद का निर्माण 411 वर्ष पहले रुस्तम अली खान ने कराया था जिनका ताल्लुक आगरा से था।
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