संभल में जामा मस्जिद के सामने बनी सत्यव्रत पुलिस चौकी का DM-SP ने किया उद्घाटन, विधिवत हुआ हवन-पूजन
संभल में रविवार को नवनिर्मित सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजन के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। चौकी का निर्माण तीन माह में पूरा हुआ और इसे विशेष रूप से सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।

जागरण संवाददाता, संभल। नवनिर्मित सत्यव्रत पुलिस चौकी का रविवार को डीएम एसपी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजन कर लोकार्पण किया। उद्घाटन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।
संगमरमर पर बनी महाभारत के श्रीकृष्ण और अर्जुन की तस्वीर के सामने सेल्फी ली और फोटो खिंचाए। महिलाएं भी पूजा अर्चना में शामिल हुईं।
जामा मस्जिद के सामने स्थित है सत्यव्रत पुलिस चौकी
जामा मस्जिद के सामने नवनिर्मित सत्यव्रत पुलिस चौकी के उद्घाटन के लिए शनिवार की रात भर तैयारियों को पूरा किया गया। रविवार की सुबह पूरी चौकी को फूलों और रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया। एएसपी श्रीश्चंद्र ने तैयारियों का जायजा लेते रहे। रामनवमी के अवसर होने वाले चौकी के उद्घाटन के लिए हर कोई उत्साहित था। शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से लोग चौकी को देखने पहुंचते रहे।
दोपहर 1 बजकर सात मिनट पर जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार की मौजूदगी में छोटी बच्ची गुनगुन ने फीता काटा। डीएम एसपी ने मंत्रोच्चारण के बीच आचार्य पंडित शोभित शास्त्री पंडित विशाल द्वारा कराए गए गौरी-गणेश और वास्तु मंडल देवताओं का पूजन किया। हवन में आहुतियां दी गईं।
लोकार्पण के समय आम नागरिक भी उपस्थित रहे
चौकी के उद्घाटन कार्यक्रम में नगर के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, व्यापारियों और आम नागरिकों की भारी भीड़ उमड़ी। पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा वातावरण था। लोग इस आयोजन को लेकर खासे उत्साहित नजर आए और चौकी के निर्माण को शहर की सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम बताया। नवनिर्मित चौकी में सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करने वाला मुख्य केंद्र दीवार पर संगमरमर पर उकेरा गया महाभारत का दृश्य रहा, जिसमें श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश दे रहे हैं।
यह चित्र संविधान की मूल प्रति से प्रेरित है और इसे विशेष रूप से जयपुर से तैयार कराया गया है। चौकी में प्रवेश करते ही यह दृश्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लोग इस चित्र के सामने खड़े होकर सेल्फी लेते नजर आए। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने इस चित्र की भव्यता की सराहना की।
महिलाओं-बच्चों ने ली खूब सेल्फी
महिलाएं भी इसमें शामिल हुईं और उन्होंने भी सेल्फी लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस चौकी का निर्माण कार्य मात्र तीन माह में पूरा किया गया है। उद्घाटन के बाद मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने डीएम एसपी का फूलमालाओं से स्वागत किया। इसके बाद सभी ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। पूजन के दौरान एसडीएम वंदना मिश्रा, एएसपी श्रीश्चंद्र, सीओ अनुज चौधरी, असमोली सीओ कुलदीप कुमार, कोतवाल अनुज तोमर आदि मौजूद रहे।
सतयुग में सत्यव्रत ही था संभल का नाम
सतयुग में संभल का नाम सत्यव्रत था, त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल और वर्तमान में शंभल या संभल कहा जाता है। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा कि संयोग की कुछ ऐसा है कि चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन है और साथ ही भगवान श्री राम का जन्मदिवस भी है।
रामनवमी के दिन ही सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्धाटन होना निश्चित हुआ था। इसका मूल कारण यह है कि यह क्षेत्र काफी संवेदनशील है और संभल तहसील का सबसे ऊंचा स्थान भी है। साथ ही मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र का केंद्र भी है। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से यहां पर पुलिस चौकी की स्थापना की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगी सत्यव्रत चौकी: एसपी
रामनवमी के पावन अवसर पर सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन करते हुए एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि यह चौकी न सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा कदम है, बल्कि यह शहर के सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए एक प्रभावी उपाय भी साबित होगी। उन्होंने कहा कि संभल का पूर्व का सांप्रदायिक इतिहास देखते हुए भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के उद्देश्य से यह चौकी स्थापित की गई है।
तीन महीने पहले चौकी के निर्माण का लिया गया था निर्णय
तीन महीने पहले इस चौकी के निर्माण का निर्णय लिया गया था और अब तीन माह के भीतर इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। एसपी ने बताया कि यह पुलिस के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि यहां पहली मंजिल पर पूरे जनपद के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
करीब 12-13 वर्षों बाद संभल जिले को कंट्रोल रूम की सुविधा मिली है, जिससे पुलिस की कम्युनिकेशन प्रणाली को मजबूती मिलेगी और त्वरित कार्रवाई संभव होगी। उन्होंने बताया कि इस चौकी में पीएसी के जवानों के लिए बैरक की भी व्यवस्था की गई है, जो अब तक खुले में रह रहे थे।
इसके अलावा आसपास के संवेदनशील मुहल्लों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक चौकी प्रभारी और चार कांस्टेबलों की नियुक्ति की गई है। यह चौकी भविष्य में किसी भी आपात स्थिति को पहले से भांपकर कार्रवाई करने में सक्षम होगी। एसपी ने आगे बताया कि यहां त्रिनेत्र कैमरों का कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा।
कहा कि यह चौकी सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगी। इस चौकी के मुख्य द्वार पर संगमरमर की दीवार पर संविधान की मूल प्रति से लिया गया और श्रीमद्भागवत गीता का एक श्लोक "परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्..." अंकित किया गया है।
एसपी ने श्लोक के अर्थ को समझाया
एसपी ने इसका अर्थ समझाते हुए कहा कि यह श्लोक चौकी के उद्देश्य को परिभाषित करता है, जिसमें सज्जनों की रक्षा और दुर्जनों के विनाश के लिए पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करेगी। उन्होंने कहा कि यह चौकी संविधान की रक्षा, नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा और अधर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध रहेगी।
एसपी ने बताया कि नगर पालिका परिषद संभल द्वारा एनओसी जारी करने के बाद शासन से फंड स्वीकृत हुआ, जिसके बाद चौकी के निर्माण कार्य को गति मिली। भूमि विवाद के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोगों ने इसे वक्फ की जमीन बताया था, परंतु जिनके नाम से दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, उन्होंने स्वयं पुलिस के समक्ष यह स्पष्ट किया कि उस भूमि पर उनका कोई अधिकार नहीं है। यह सरकारी भूमि है, जो नगर पालिका के अधीन थी।
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