सम्भल की बेटी सरिता का कामनवेल्थ और एशियन गेम्स में हुआ चयन
जेएनएन सम्भल तहसील क्षेत्र सम्भल के गांव परियावली निवासी सरिता का एक बार फिर कामनवेल्थ और ए

जेएनएन, सम्भल: तहसील क्षेत्र सम्भल के गांव परियावली निवासी सरिता का एक बार फिर कामनवेल्थ और एशियन गेम्स में चयन हो गया है। केरल में दो अप्रैल से चल रही चयन प्रतियोगिता में 64.4 मीटर हैमर थ्रो करके गोल्ड मेडल जीता और भारत टीम में कामनवेल्थ और एशियन गेम्स के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया। कामनवेल्थ इसी साल चीन में और एशियन गेम्स इंग्लैंड में होंगे।
गांव सैदपुर जसकौली निवासी प्रकाश सिंह सामान्य किसान है। इनकी की बेटी सरिता पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी आगे बढ़ने का मन बना चुकी थी। ऐसे में वह वर्ष 2007 में पढ़ाई करने और खेल में आगे बढ़ने के लिए जनपद अमरोहा के नारंगपुर इंटर कालेज में पहुंच गई। यहां पर पढ़ाई के साथ-साथ हैमर थ्रो खेल का अभ्यास शुरू कर दिया। शुरुआत में मंडल स्तर की प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करके वह आगे बढ़ती चली गई। इस दौरान उन्होंने पूरे देश में हैमर थ्रो में अपना नाम रोशन कर दिया। सबसे ज्यादा चर्चा में वह वर्ष 2017 में उस वक्त आई, जब उन्होंने सीनियर नेशनल फेडरेशन कप में 65.25 हैमर थ्रो करके नेशनल रिकार्ड बना दिया था। इससे पहले वह नेशनल रिकार्ड राजस्थान की खिलाड़ी मंजू वाला के नाम था। इसके बाद वर्ष 2018 में इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स में भारत की टीम की तरफ प्रतिभाग किया था, लेकिन उसमें वह मेडल तो प्राप्त नहीं कर सकी थी, लेकिन पांचवां स्थान प्राप्त किया था। इस बीच उन्होंने वर्ष 2016 में परियावली निवासी खिलाड़ी रोमित से शादी कर ली और उनके खेल के दम पर ही उनकी रेलवे में नौकरी लग गई। अब वह मुरादाबाद की परिवहन शाखा में तैनात है। अब एक बार फिर कामनवेल्थ और एशियन गेम्स होने है। ऐसे में सभी खिलाड़ियों का चयन के लिए मुकाबला कराया जा रहा है। अब केरल में दो अप्रैल से सीनियर नेशनल फेडरेशन कप प्रतियोगिता शुरू हुई तो यहां सरिता सिंह ने 64.4 मीटर हैमर थ्रो करके गोल्ड मेडल जीता। साथ ही चीन मे होने वाले कामनवेल्थ और इंग्लैंड में होने वाले एशियन गेम्स में भारतीय टीम की तरफ से चयन हो गया है। यह जानकारी जैसे ही स्वजन को लगी तो उनमें खुशी की लहर दौड़ गई। छह माह से कर रही है अभ्यास
सम्भल: हैमर थ्रो की खिलाड़ी सरिता सिंह ने ढाई साल पहले एक बेटी को जन्म दिया था। उसके बाद से वह खेल पर ध्यान नहीं दे पाई, लेकिन अब छह माह से वह लगातार पटियाला में रहकर अभ्यास कर रही है। सरिता सिंह का कहना है कि इस बार कामनवेल्थ और एशियन गेम्स में भारत के लिए मेडल प्राप्त करूंगी।
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