Sambhal : बाइक पर बैठी दादी की गोद से छिटका ढाई साल का मासूम, रोडवेज बस के नीचे आकर दर्दनाक मौत
सरकारी बस आई और मासूम का सिर कुचलते चली गई। दादा बच गए और दादी चोटिल। लेकिन इस घटना ने वहां मौजूद अन्य लोगों को सबक भी दिया। शहर में दंपती या लोग दिख ...और पढ़ें

राघवेंद्र शुक्ल, चंदौसी : जिंदगी अमूल्य है और इसमें ही लापरवाही। बाइक पर गोद में बैठे मासूम को लेकर जाना कितना खतरनाक है इसका उदाहरण सबके सामने हैं लेकिन लापरवाही भी खूब हो रही है। शुक्रवार की शाम बदायूं जनपद के गंगोली निवासी हरपाल सिंह अपनी पत्नी देववती के साथ बाइक से चंदोसी आए। दवा ली और ढाई वर्ष के पोते सौरभ के साथ वापस जाने लगे।
पथरा तिराहा के पास जो हुआ वह आजीवन बुजुर्ग दादा-दादी को कचोटता रहेगा। कुछ झटका लगा और मासूम, दादी की गोद से छिटककर गिर गया।
उधर से सरकारी बस आई और मासूम का सिर कुचलते चली गई। दादा बच गए और दादी चोटिल। लेकिन इस घटना ने वहां मौजूद अन्य लोगों को सबक भी दिया लेकिन आज भी शहर के अंदर ऐसे दंपती या लोग दिख जाएंगे जो गोद में मासूम को लेकर लंबा सफर तक तय कर ले रहे हैं।
खासकर उन अबोध बच्चों को जिन्हें समझ नहीं है। हालांकि कुछ को मासूम को ले जाना मजबूरी है। क्यों कि किसी को दवा दिलाने जाना है तो कोई घर पर बच्चे को छोड़ नहीं सकता है लेकिन इसके बावजूद वाहन चलाते समय सावधानी ही आपकी व बच्चे की जान बचा सकती है।
शुक्रवार को गंगोली के दम्पती ने अपना पोता खोया और यह वाक्या उनके पूरे जीवन भर उनका साथ नहीं छोडेगा। ऐसे में बाइक चलाने वाले को सावधानी बरतनी चाहिए और पीछे गोद में लेेकर मासूम को बैठी उनकी मां या परिवार की अन्य महिला को भी खुद को संभालते हुए बच्चें का भी ध्यान रखना चाहिए।
इन्हें कौन समझाएं
चंदौसी बहजोई तिराहा स्थित यातायात बूथ के सामने का दृश्य। बाइक चालक ने हेलमेट तक नहीं लगाया है। स्कूल की छुटटी हुई और एक नहीं तीन बच्चों को लेकर घर जाने लगा। यह लापरवाही ही है। पुलिस भी है लेकिन न चालान न इन्हें सबक सिखाने का काम। यदि घटना हुई तो जिम्मेदार कौन होगा। हालांकि समझाकर जरूर भेजा।
पथरा तिराहे के पास मोटर साइकिल पर सवार युवक और पीछे तीन लोग। एक बच्चा भी सवार। यदि घटना हुई तो जिम्मेदार के पास क्या जवाब होगा।
चंदौसी बदायूं चुंगी पर मोटर साइकिल पर चार लोग सवार हैं। यहां बच्चा भी है। खद के जान से यह खेल रहे हैं लेकिन साथ ही बच्चे की जान को भी दांव पर लगा दिए।
चंदौसी के सीता रोड पर मोटर साइकिल देखिए। युवक चला रहा है और पीछे एक महिला मासूम बच्चे केा लेकर गोद में बैठी है। अब यदि बच्चा गोद से छिटक जाए तो उस मां का क्या होगा।
स्टेशन रोड की एक तस्वीर, मोटर साइकिल से जाते एक परिवार के सदस्य। सड़क में गड्ढा है। यहां अगर हादसा हो जाए तो बच्चे का क्या होगा।
यह करें बचाव
यदि बहुत जरूरी हो तभी मासूम बच्चे को बाइक पर गोद में लेकर जाए। यदि संभव हो तो कुछ वक्त् के लिए बच्चे को घर पर ही रहने दे - यदि दूर की यात्रा करनी हो यानी यदि शहर या गांव से बाहर जाना हो तो कोशिश करें कि चार पहिया सवारी का उपयोग करें।
- बच्चे को गोद में लेकर जाना ही है उसका ख्याल खुद से ज्यादा रखें।
- बाइक चलाने वाले को स्पीड ब्रेकर या खराब रास्ते पर वाहन को इतना धीमा रखे कि बाइक उछले नहीं।
- बाइक की गति को नियंत्रित रफ्तार में रखें। उतना ही जितना वह कुछ अनहोनी होने पर कंट्रोल कर सकें।
- कोशिश करें कि पीछे बैठने वाला शख्स बच्चे को सीट के सहारे रोका रहे।
- बाइक चालक व पीछे बैठने वाला शख्स हेलमेट का जरूर उपयोग करे।
- बाइक पर दो से ज्यादा की सवारी को न बैठाएं।

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