संभल पहुंचे जियाउर्रहमान और इकरा हसन, सपा प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा में जान गंवाने वालों के स्वजन को सौंपे 5 लाख के चेक
संभल हिंसा के बाद दो बार कोशिशों के बाद समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये के चेक सौंपे। प्रतिनिधिमंडल में स्थानीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और इकरा हसन भी शामिल थे। सपा नेताओं ने कहा कि पार्टी हर परिस्थिति में पीड़ितों के साथ खड़ी है।

जागरण संवाददाता, संभल। दो बार रोके जाने के बाद सोमवार को सपा का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संभल आया। सपा नेताओं ने 24 नवंबर को हिंसा के दौरान मारे गए पांच लोगों के स्वजन को पार्टी की ओर से आर्थिक मदद के रूप में पांच-पांच लाख के चेक सौंपे। इनमें चार मृतकों के स्वजन ने ही प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस रिकॉर्ड में चार मृतकों का ही उल्लेख है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल स्थानीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क हिंसा के बाद पहली बार संभल आए। सपा नेताओं ने पीड़ित स्वजन को सांत्वना देते हुए कहा कि पार्टी हर परिस्थिति में पीड़ितों के साथ खड़ी है। लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में पहले से ही मृतक अयान, बिलाल अंसारी, रूमान, नईम और मोहम्मद कैफ के स्वजन मौजूद थे।
उन्हें चेक सौंपते हुए सपा नेताओं ने कहा कि यह मदद केवल आर्थिक सहायता नहीं है, आश्वासन दिया कि सपा उनके लिए हरसंभव मदद करेगी। 24 दिसंबर को जामा मस्जिद में एडवोकेट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। बवालियों ने पुलिस पर पथराव के साथ ही फायरिंग और उनके वाहनों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस के अनुसार हिंसा के दौरान बवालियों की गोली से चार लोगों की मौत हो गई थी।
भाजपा सरकार में मुसलमानों को लेकर संवेदना नहीं
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब अवैध असलहा पकड़े जाते हैं, उन्हें पुलिस मालखाने से निकाल लेती है। उनका ऐसी स्थिति में पुलिस प्रयोग करती है और बहाना बना देती हैं कि पुलिस की गोली से नहीं मारा गया।
न्यायिक आयोग व पुलिस की जांच के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे सदन में रखने की बात कह चुके हैं। इस बारे में हम ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे। इस सरकार को मुसलमान के प्रति संवेदना नहीं है। यह हिंदू मुस्लिम की राजनीति कर रही है।
विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि हिंसा के बाद एक ही समय में सैकड़ों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुईं। इसमें कुछ लोगों को नामजद किया गया। अज्ञात होने का मतलब है कि पुलिस जब जिसको चाहें उसे उठा सकती है।
हमारे लोगों की हत्या हुई और हमारे खिलाफ ही प्राथमिकी
बर्कप्रतिनिधमंडल में शामिल संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि हमारे लोगों की हत्या हुई और हमारे लोगों के खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज हुईं। यह कैसा इंसाफ है? मुझ समेत मेरे पिता ममलूकुर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज हुई। पुलिस और प्रशासन ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह करतूत की।
पुलिस ने हमारे लोगों के हाथ में पत्थर जरूर दिखाए, लेकिन किसी के हाथ में भी तमंचे नहीं दिखा सकी। हमारे लोगों की कोई तैयारी नहीं थी। वह सिर्फ यह जानना चाहते थे कि दोबारा सर्वे क्यों हो रहा है। बिजली चोरी मामले में उन्होंने कहा कि कल को प्रशासन यह भी कह सकता है कि पुलिस का डंडा खो गया वह भी सांसद ने चुरा लिया।
प्रतिनिधिमंडल में यह थे शामिल
माता प्रसाद पांडे, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सांसद हरेंद्र मलिक, रूचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रमान बर्क, विधायक कमाल अख्तर, इकबाल महमूद, पिंका यादव, रामखिलाड़ी यादव और संभल जिलाध्यक्ष असगर अली।
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