Sambhal Violence Report: हिंसा की जांच के लिए चार बार संभल आया न्यायिक आयोग, हर बार अलग चरण की जांच पूरी
संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अब तक चार बार शहर का दौरा किया है। आयोग ने गवाहों के बयान दस्तावेजों और घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। आयोग ने दिसंबर 2024 से लेकर फरवरी 2025 तक कई दौरे किए जिसमें स्थानीय लोगों पुलिस अधिकारियों मृतकों के परिजनों और वकीलों के बयान दर्ज किए गए।
संवाद सहयोगी, संभल। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग अब तक चार बार संभल का दौरा कर चुका है। आयोग ने हर बार अलग-अलग पहलुओं पर पड़ताल करते हुए गवाहों के बयान, दस्तावेज और स्थलीय साक्ष्य जुटाए थे।
1 दिसंबर 2024
जांच आयोग पहली बार संभल पहुंचा। इस दौरान आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और जामा मस्जिद का भी भ्रमण किया। मौके पर मौजूद लोगों और अधिकारियों से प्रारंभिक बातचीत कर आयोग ने बुनियादी जानकारी जुटाई थी।
21 जनवरी 2025
आयोग दूसरी बार संभल आया। इस दौरे में आयोग ने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में स्थानीय लोगों व पुलिस अधिकारियों समेत 36 लोगों के बयान दर्ज किए थे। साथ ही मस्जिद परिसर व आसपास का पुनः अवलोकन भी किया था।
30 जनवरी 2025
तीसरे चरण में आयोग संभल पहुंचा। इस बार आयोग ने गेस्ट हाउस में हिंसा में मारे गए लोगों के स्वजन और हिंसा के दौरान मौजूद गवाहों समेत 15 लोगों के बयान दर्ज किए, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने भी बयान दर्ज कराए थे। जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। आयोग ने लिखित दस्तावेज व साक्ष्य एकत्र किए और उन्हें जांच अभिलेख में शामिल किया था।
28 फरवरी 2025
आयोग चौथी बार संभल आया। गेस्ट हाउस में पक्षकारों, गवाहों और अधिकारियों से लंबी पूछताछ की। 29 लोगों के साथ ही जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण बिश्नोई के भी बयान दर्ज हुए थे। साथ ही हिंसा प्रभावित क्षेत्र की मौजूदा स्थिति जानी और अब तक मिले साक्ष्यों का मिलान कर रिपोर्ट तैयार करने की दिशा में काम तेज किया।
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