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    अगर गोली चलेगी तो लोग पत्थर भी… सांसद बर्क ने दिया विवादित बयान, जफर अली ने कहा- एसडीएम ने कॉपी हाथ से छीन ली

    Updated: Mon, 25 Nov 2024 08:47 PM (IST)

    संभल बवाल मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने रविवार को सर्वे के समय हुए बवाल का आरोप पुलिस प्रशासन पर लगाया है। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान एसडीएम वंदना मिश्रा ने वजू हौद में भरे पानी को निकाले जाने की बात कही थी जिससे लोगों में आक्रोश पनप गया। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने भी विवादित बयान दिया है।

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    सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने फिर से विवादित बयान दिया है।

    संवाद सूत्र, संभल। संभल बवाल के बाद मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। सोमवार को जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने रविवार को सर्वे के समय हुए बवाल का आरोप पुलिस प्रशासन पर लगाया। वहीं, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने फिर से विवादित बयान दिया है। कहा है कि अगर एक तरफ से गोली चलेगी तो लोग पत्थर भी नहीं चलाएंगे? 

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    पहले पढ़ें सदर जफर अली का बयान

    सदर ने कहा कि रविवार को सर्वे के दौरान एसडीएम वंदना मिश्रा भी जामा मस्जिद परिसर में मौजूद थीं। उन्होंने वजू हौद में भरे पानी को निकाले जाने की बात कही थी, जबकि डीएम एसपी ने हौद की गहराई डंडे से नापे जाने को कहा। जब हौद में से पानी निकाला गया तो लोगों ने समझा लिया कि वहां खुदाई हो रही है। इससे लोगों में आक्रोश पनप गया। वहीं, सीओ पे भीड़ पर लाठीचार्ज करा दिया। 

    सदर ने आगे कहा रविवार की सुबह जब मस्जिद कमेटी के पदाधिकारी कोतवाली पहुंचे तो वहां एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे की एक प्रतिलिपि दी, जिसे देखकर आपत्ति भी जताई। मगर एसडीएम ने प्रतिलिपि हाथ से छीन ली। कहा कि इसकी प्रतिलिपि आपको शनिवार की रात दे दी गई थी। आपको अब इसकी जरूरत नहीं है। 

    कहा कि बवाल में किसी भी तरह मुसलमानों का हाथ नहीं हैं। कहा कि रविवार को जो सर्वे हुआ है वह न्यायालय के आदेश पर नहीं हुआ है, बल्कि जिलाधिकारी के आदेश पर हुआ है।

    सांसद बोले- अगर गोली चलेगी तो लोग पत्थर भी नहीं चलाएंगे?

    मस्जिद में सर्वे के विरोध में भीड़ द्वारा पथराव व दोनों ओर से हुई फायरिंग के बाद सांसद ने कहा कि संभल में जो घटना घटी है, उसके पीछे पुलिस प्रशासन का हाथ है। इस घटना को योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। मेरी आवाज को दबाने के लिए मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

    सांसद ने कहा, ‘मुझे अपने विरुद्ध दर्ज मामले से ज्यादा उन मासूमों की फिक्र है] जिनकी पुलिस प्रशासन ने हत्या की है। मुझे फिक्र है उनकी जो दर्जनों की तादाद में घायल हैं और जिनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है।

    सांसद ने कहा कि हम राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के माध्यम से स्पीकर से मिले हैं और सदन में भी इस मामले को उठाएंगे। हमारी मांग है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए 

    पत्थर एकत्रित करने के सवाल पर सांसद ने कहा कि जिन लोगों को सर्वे होने की जानकारी नहीं हो वह पत्थर एकत्रित कैसे करेंगे। अचानक सर्वे के लिए फोन आता है। जब एक सर्वे हो गया था तो दूसरा सर्वे करने की क्या आवश्यकता थी? वहां पर लोग एकत्रित हुए तो पुलिस प्रशासन ने उन पर लाठी और गोली चलाई। अगर गोली चलेगी तो लोग पत्थर भी नहीं चलाएंगे?