सलाखों के पीछे भी रची जा रही थी संभल में दोबारा हिंसा की साजिश? अब खुलीं ये परतें
संभल में 24 नवंबर 2024 की हिंसा को दोहराने की साजिश पुलिस ने नाकाम कर दी। मास्टरमाइंड शारिक साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज पर रासुका लगाई गई है, और उसके साथी गुलाम व वारिस पर भी रासुका लगाने की तैयारी है। मुरादाबाद जेल में बंद हिंसा के आरोपितों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पुलिस के अनुसार, मुल्ला अफरोज जमानत पर बाहर आकर प्रतिशोध में हिंसा दोहरा सकता था।

सलाखों के पीछे भी रची जा रही थी संभल में दोबारा हिंसा की साजिश? अब खुलीं ये परतें
सौरव प्रजापति, संभल। 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे विरोध में हुई हिंसा को दोबारा दोहराने की भी तैयारी चल रही थी लेकिन, पुलिस ने अपराधियों के इन मंसूबों पर पानी फेरकर अब सख्ती बढ़ा दी है। क्योंकि पुलिस को ऐसे ही इनपुट मिलने के बाद मास्टर माइंड शारिक साठा के मुख्य गुर्गे मुल्ला अफरोज के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की है। इतना ही नहीं जेल में बंद मुल्ला अफरोज के दो साथी गुलाम और वारिस पर भी रासुका लगाने की तैयारी चल रही है। उधर, मुरादाबाद जेल की अलग-अलग बैरक में बंद हिंसा के आरोपितों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।
संभल पुलिस द्वारा मीडिया को जारी किए गए मुल्ला अफरोज पर रासुका की कार्रवाई के प्रेसनोट में स्पष्ट लिखा है कि अभियुक्त मुल्ला अफरोज द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी जमानत याचिका प्रस्तुत कर जेल से आने का प्रयास किया जा रहा है तथा इसी मध्य यह भी इनपुट प्राप्त हो रहा था कि मुल्ला अफरोज जमानत पर जेल से बाहर आकर प्रतिशोध स्वरूप उक्त प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति कर सकता है और क्षेत्र की लोक व्यवस्था को भंग कर सकता है।
अत: संभल क्षेत्र की लोक व्यवस्था को बनाये रखने के उद्देश्य से अभियुक्त गुल्ला अफरोज पर रासुका के अन्तर्गत कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी सम्भल द्वारा रासुका के अन्तर्गत उसके निरूद्ध कार्रवाई की गई है और नियमानुसार जिला कारागार मुरादाबाद में अभियुक्त मुल्ला अफरोज को रासुका के अन्तर्गत निरूद्ध का आदेश तामील कराया जा चुका है।
बता दें कि हिंसा भड़काने में मुल्ला अफरोेज का मुख्य रोल रहा था। इसी ने उपद्रवियों को हथियार मुहैया करवाए थे और भीड़ के लोगों को गोली मारकर हिंसा भड़काने की साजिश रची थी। पुलिस ने इसे 19 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया था। जब इसने संभल हिंसा की पूरी पटकथा भी बताई थी।
मुल्ला अफरोज 2012 से दुबई में छिपे साठा के संपर्क में था। उसके कहने पर चोरी के वाहनों और हथियारों की सप्लाई करता था। हिंसा में मारे गए बिलाल और अयान को उसने ही गोली मारी थी। उससे पास से 32 बोर की पिस्टल, तीन कारतूस और 15 खोखे मिले थे।
उसकी हिंसा के पीछे मंशा थी कि 10-20 पुलिस व पब्लिक के लोग मरते, तो पुलिस वाले सस्पेंड होते। फिर वह आगे सक्रिय नहीं रह पाते और शाकिर साठा का दबदबा हो जाता। साठा से वह मोबाइल एप के जरिए बात करता था। उधर, इस प्रकरण में जेल काट रहे मुल्ला अफरोज के साथी और साठा के गुर्गे गुलाम और वारिस पर भी रासुका लगाने की तैयारी चल रही है। जबकि कुख्यात शारिक साठा के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है।
संभल में हिंसा भड़काने में जितने लोगों का हाथ शामिल है। उन सभी के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। मुल्ला अफरोज के बाद अब उसके साथी गुलाम और वारिस पर भी रासुका लगेगी। उसकी प्रक्रिया भी चल रही है। बाकी सभी आरोपित जेल की अलग-अलग बैरक में है। यह अपराधी संभल के माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। इसलिए इनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। -कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल।
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