संभल हिंसा के एक वर्ष पूरे होने पर प्रशासन अलर्ट, संवेदनशील इलाकों में पुलिस और RAF के जवान तैनात
संभल में हिंसा की पहली वर्षगांठ पर प्रशासन सतर्क है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है। जिले में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। प्रशासन सोशल मीडिया पर भी अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करेगा। अतिरिक्त पुलिस बल और आरएएफ की कंपनियां तैनात की गई हैं।
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संवाद सहयोगी, संभल। 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद में एएसआई सर्वे को लेकर हुई हिंसा को एक वर्ष पूरा होने पर पुलिस प्रशासन अत्यधिक सतर्क हो गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। जामा मस्जिद, आसपास के चौराहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस, पीएसी और आरआरएफ के जवान मुस्तैद हैं। चौकसी बढ़ाते हुए सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
दरअसल, सोमवार को हिंसा का एक वर्ष पूरा हो रहा है। हिंसा की यह पहली बरसी है। ऐसे में शहर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। पुलिस प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। बीते कुछ दिनों से ही पुलिस अधिकारियों ने शहर में सतर्कता बढ़ा दी थी।
रविवार से ही जामा मस्जिद के आसपास भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। पीएसी और आरआरएफ के जवान मुस्तैद हैं, ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
एएसपी कुलदीप कुमार ने बताया कि भीड़भाड़ वाले सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बलों की मोबिलिटी बढ़ा दी गई है। गश्त के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश की जा रही है और आने-जाने वालों से नजर रखी जा रही है।
सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे इलाके की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। सत्यव्रत पुलिस चौकी में पल पल की जानकारी मिल रही है। वहीं से गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
इसके अलावा, अन्य मोबाइल पुलिस यूनिटों को लगातार गश्त का निर्देश दिया गया है। हिंसा की बरसी को देखते हुए खुफिया तंत्र को भी सक्रिय है।
पुलिस इंटरनेट मीडिया पर भी नजर बनाए हुए है। किसी भी भड़काऊ पोस्ट या संदेश पर तुरंत कार्रवाई करने की तैयार है। पुलिस किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।

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