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    स‍िर गायब... दोनों हाथ कटे और पैर भी नहीं म‍िले, काले बैग में म‍िली लाश की शि‍नाख्त संभल पुल‍िस के ल‍िए बनी चुनौती

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 09:23 PM (IST)

    संभल के चंदौसी में बड़ी ईदगाह के पास नाले से मिले क्षत-विक्षत शव की शिनाख्त कराना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि सिर, दोनों हाथ और पै ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, चंदौसी। ग्राम पतरुआ में बड़ी ईदगाह के पास नाले से मिले क्षत-विक्षत शव की शिनाख्त कराना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि सिर, दोनों हाथ और पैर न होने के कारण पहचान की सामान्य प्रक्रियाएं लगभग निष्फल होती नजर आ रही हैं। माना जा रहा है कि यह कोई सामान्य हत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित अपराध है, जिसमें पहचान मिटाने के इरादे से शव के अंग अलग किए गए।

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    पुलिस का कहना है कि हाथ न होने के कारण फिंगर प्रिंट से पहचान की संभावना पूरी तरह खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब अहम विकल्प डीएनए जांच का ही बचता है। सूत्रों के अनुसार, शव से डीएनए सैंपल सुरक्षित कर लिए गए हैं और आवश्यकता पड़ने पर इन्हें संभावित परिजनों के सैंपल से मिलान कराया जाएगा। हालांकि, यह प्रक्रिया समय लेने वाली होती है, जिससे जांच की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।

    इसके अलावा पुलिस मृतक के कपड़ों को भी अहम कड़ी मान रही है। जो कपड़े शव पर मिले हैं, उनकी तस्वीरें आसपास के थाना क्षेत्रों में भेजी जा रही हैं, ताकि किसी गुमशुदगी की रिपोर्ट से उनका मिलान किया जा सके। पुलिस आसपास के जनपदों में दर्ज गुमशुदा व्यक्तियों की रिपोर्ट भी खंगाल रही है। यदि किसी परिवार को कपड़ों या अन्य संकेतों से शव की पहचान का संदेह हुआ, तो डीएनए जांच के जरिए पुष्टि की जाएगी।

    वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। यदि शरीर पर कोई विशिष्ट निशान, चोट का पैटर्न, पुराना घाव, सर्जरी का निशान या टैटू आदि मिलता है, तो उससे पहचान की दिशा में कोई सुराग मिल सकता है। हालांकि शव 10 से 15 दिन पुराना होने के कारण सड़-गल चुका है, जिससे स्पष्ट संकेत मिलने की संभावना कम बताई जा रही है। जिस तरह शव को पालीथिन में लपेटकर कपड़े के बैग में बंद किया गया और फिर नाले में फेंका गया, उससे स्पष्ट है कि हत्या के बाद पहचान छिपाने की पूरी तैयारी की गई।

    यह आशंका भी जताई जा रही है कि हत्या कहीं और कर शव को यहां ठिकाने लगाया गया। सीओ मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस सभी पारंपरिक और वैज्ञानिक तरीकों से मृतक की पहचान में जुटी हुई है। आसपास के क्षेत्रों में दर्ज गुमशुदगी भी खंगाली जा रही हैं। शव क्षत-विक्षत होने के कारण सामान्य तरीके से पहचान मुश्किल है इसलिए डीएनए सुरक्षित किया जा रहा है।

    कोई नहीं आया सामने, इसलिए पूरी नहीं हो सकी थी डीएनए प्रक्रिया

    उल्लेखनीय है कि अगस्त माह में भी कैथल रोड स्थित बड़े नाले से एक व्यक्ति का सिर कटा शव बरामद हुआ था। उस मामले में पुलिस ने डीएनए सैंपल सुरक्षित कर जांच की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद अब तक शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस का कहना है कि उस प्रकरण में भी कोई परिजन सामने नहीं आ पाया, जिससे डीएनए मिलान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। ऐसे में पुलिस आज भी संबंधित थाना क्षेत्रों में दर्ज गुमशुदगी की रिपोर्टों के आधार पर पहचान होने की प्रतीक्षा कर रही है। ऐसे में ताजा मामला पुलिस के लिए एक और जटिल पहेली बनता जा रहा है, जिसका समाधान अब वैज्ञानिक साक्ष्यों पर ही निर्भर करता नजर आ रहा है।

    सुरक्षित एरिया बना नाला, पुलिस लगवाएगी कैमरे : एसपी

    संभल : चंदौसी में जिस एरिया के नाले में शवों को फेंका जा रहा है। यह स्थान अपराधियों के लिए एक ऐसा स्थान बन चुका है। जहां पर आसानी से शव को ठिकाने लगाया जा सकता है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि संबंधित एरिया में पुलिस कैमरे लगवाएगी। ताकि भविष्य में इस तरह की बात आने पर उनका समाधान करा जा सके।