संभल नगर पालिका परिषद 25 साल बाद बढ़ाएगी दुकानों का किराया, बाजार दर पर तय होंगे नए रेट
संभल नगर पालिका परिषद 25 साल बाद दुकानों का किराया बढ़ाने जा रही है। पालिका प्रशासन ने इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया है। वर्तमान में 160 दुकानों से केवल सात लाख रुपये सालाना किराया मिलता है जबकि बाजार दर हजारों में है। पालिका का लक्ष्य है कि किराया बाजार दर के अनुसार तय किया जाए ताकि राजस्व बढ़ सके और विकास कार्यों को गति मिल सके।

संवाद सहयोगी, जागरण, संभल। नगर पालिका परिषद ने 25 वर्षों बाद अपनी दुकानों के किराए में बढ़ोतरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लंबे समय से महज औने-पौने किराए पर चल रही दुकानों को अब बाजार दरों के हिसाब से किराए पर लिया जाएगा। इसके लिए पालिका प्रशासन ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है।
शहर के प्रमुख बाजारों और चौराहों पर स्थित करीब 160 दुकानों से वर्तमान में सालाना केवल सात लाख रुपये किराया वसूला जा रहा है, जबकि इनमें से कई दुकानें ऐसे स्थानों पर हैं जहां का मासिक किराया भी हजारों रुपये तक पहुंच चुका है।
सर्वे शुरू, बाजार रेट से तय होगा किराया
दरअसल, नगर पालिका की ओर से नए कर वृद्धि के लिए सर्वे का कार्य तेज कर दिया गया है। इसमें सर्वप्रथम निजी भवनों और दुकानों का सर्वे पूरा हो चुका है, जिसमें 11 हजार नए भवन कर में शामिल किए गए हैं। इसी क्रम में पालिका ने भी अपनी दुकानों का भी नए किराए को लेकर निर्णय लिया है।
पालिका की यह दुकानें अधिकांश तहसील रोड, मुंसिफ रोड, कोतवाली के पास और सरायतरीन इलाके में स्थित हैं। ये सभी स्थान वाणिज्यिक दृष्टि से बेहद महंगे माने जाते हैं। बावजूद इसके कई दुकानों का किराया महज 90 रुपये से 150 या अधिकतम 200 रुपये मासिक तक सीमित है। यह स्थिति तब है जब आसपास की निजी दुकानों का मासिक किराया पांच से दस हजार रुपये तक पहुंच चुका है।
पालिका को मिल सकेगा लाखों का अतिरिक्त राजस्व
लंबे समय से किराया न बढ़ने से पालिका की आमदनी प्रभावित हो रही थी। यही वजह है कि पालिका प्रशासन ने अब किराए को बाजार दरों के अनुरूप तय करने की योजना बनाई है। पालिका प्रशासन ने दुकानों का किराया बढ़ाने से पहले सर्वे शुरू किया है। इसमें दुकानों की लोकेशन, आकार, उपयोग और बाजार मूल्यांकन किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही किराए में बढ़ोतरी की जाएगी।
वर्तमान में पालिका को 160 दुकानों से महज सात लाख रुपये सालाना किराया मिल रहा
सूत्रों के अनुसार किराया बाजार दर का लगभग 10 से 15 प्रतिशत तय किया जा सकता है, ताकि दुकानदारों पर अचानक अत्यधिक बोझ भी न पड़े और पालिका को उचित राजस्व भी मिल सके। वर्तमान में पालिका को 160 दुकानों से महज सात लाख रुपये सालाना किराया मिल रहा है। जबकि यदि बाजार दरों के अनुरूप किराया तय किया जाए तो यह आय कई गुना बढ़ सकती है।
पालिका के कर निर्धारण अधिकारी कार्तिक यादव ने बताया कि दुकानों का किराया यदि वास्तविक मूल्यांकन पर तय किया जाए तो पालिका की सालाना आय एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इससे पालिका की वित्तीय स्थिति मजबूत होने के साथ ही शहर में विकास कार्यों के लिए भी अधिक बजट उपलब्ध कराया जा सकेगा।
किराया बढ़ने से दुकानदारों में बढ़ी चिंता
किराया बढ़ोत्तरी की चर्चा से दुकानदारों में चिंता भी देखी जा रही है। कई दुकानदारों का कहना है कि अचानक किराया बढ़ना उनके लिए आर्थिक रूप से कठिन हो सकता है। हालांकि पालिका का कहना है कि बढ़ोत्तरी क्रमिक होगी और किराया बाजार दर से काफी कम रखा जाएगा ताकि व्यापारियों को असुविधा न हो। कार्तिक यादव ने बताया कि 25 वर्षों से किराया न बढ़ाना भी बेहद चिंताजनक रहा है। समय के साथ महंगाई और संपत्तियों का मूल्य कई गुना बढ़ चुका है, इसलिए अब संतुलन बनाना जरूरी है।
कार्तिक यादव ने कहा कि किराया निर्धारण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी। सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी और व्यापारियों से भी सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद नई दरें लागू की जाएंगी। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि हर तीन से पांच वर्ष में किराए की पुनर्समीक्षा हो ताकि भविष्य में इतनी लंबी अवधि तक किराया ज्यों का त्यों न रहे।
किराया बढ़ोत्तरी से पालिका की बढ़ेगी आय
संभल पालिका के अधिशासी अधिकारी डा. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि किराया बढ़ोत्तरी से पालिका की वित्तीय स्थिति सुधरेगी। फिलहाल सीमित आय के चलते कई विकास कार्य ठप पड़े रहते थे। अतिरिक्त राजस्व से सड़क, नालियां, स्ट्रीट लाइट, पार्क और स्वच्छता जैसे बुनियादी कार्यों को गति मिल सकेगी। पालिका के इस कदम से जहां नगर की आय बढ़ेगी, वहीं किरायेदारों को भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभानी होगी।
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