संभल की जामा मस्जिद का बदला जाएगा नाम? ASI ने तैयार कराया बोर्ड; पुलिस को सौंपी गई सुरक्षा की जिम्मेदारी
संभल की जामा मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने दशकों पहले मस्जिद के बाहर लगाए गए जुमा मस्जिद नाम के बोर्ड को फिर से स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब इस स्थल पर हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी।

संवाद सहयोगी, संभल। जामा मस्जिद एक बार फिर सुर्खियों में है। नाम को लेकर अब जामा मस्जिद फिर सुर्खियों में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने दशकों पहले जिस बोर्ड को ''जुमा मस्जिद'' के नाम से मस्जिद के बाहर लगाया था, उसे जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने हटा दिया था।
अब एएसआइ ने दोबारा वही नाम वाला नया बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है। फिलहाल यह बोर्ड पास की सत्यव्रत पुलिस चौकी में रखा गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब इस स्थल पर हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा
दरअसल, जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा कर हिंदू पक्ष ने जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी। हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि यह प्राचीन हरिहर मंदिर का स्थल था, जिसे बाद में मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। इस दावे के साथ मामला अब न्यायालय में लंबित है। 19 नवंबर को एडवोकेट कमिश्नर की ओर से जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर का सर्वे किया गया था। हालांकि सर्वे पूरा नहीं हो सका था। इसके बाद 24 नंवबर की सुबह फिर टीम सर्वे करने पहुंची थी, लेकिन सर्वे को रोकने के लिए जामा मस्जिद के पास ही उग्र भीड़ ने हिंसा की घटना को अंजाम दिया था।
तभी से जामा मस्जिद चर्चाओं में बनी हुई है। हालांकि यह स्थल ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह स्थल एएसआइ के संरक्षण में है और कई वर्षों से इसे ''जुमा मस्जिद'' के नाम से रिकार्ड में दर्ज किया जाता रहा है। हालांकि स्थानीय जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी इसे जामा मस्जिद के नाम से जानती और प्रचारित करती है।
मस्जिद के अंदर लगा इसी नाम का बोर्ड
एएसआइ अधिकारियों के अनुसार, मस्जिद परिसर में दशकों पहले ''जुमा मस्जिद'' नाम से एक बोर्ड लगाया गया था, जो यह दर्शाता था कि यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित है, लेकिन कुछ समय पहले इंतजामिया कमेटी ने इस बोर्ड को हटाकर मस्जिद के अंदर रख दिया। हालांकि पहले ही मस्जिद के अंदर इसी नाम से बोर्ड लगा है।
इसके साथ ही कमेटी ने एक लोहे के बोर्ड पर शाही जामा मस्जिद लिखवाकर उसे मस्जिद के सामने लगवा दिया था, लेकिन अब बाहर के लिए एएसआइ ने अब नया बोर्ड तैयार कराया है, जिस पर ''जुमा मस्जिद'' लिखा गया है।
यह बोर्ड फिलहाल मस्जिद के सामने बनी सत्यव्रत पुलिस चौकी में रखा गया है, जहां इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है। जल्द ही यह बोर्ड मस्जिद के बाहर उचित स्थान पर दोबारा स्थापित किया जाएगा।
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