Sambhal Jama Masjid: 48 साल पहले भी मस्जिद को लेकर बवाल की आग में झुलसा था संभल, पढ़िए पूरा किस्सा
जामा मस्जिद को लेकर 48 साल बाद फिर तनाव बढ़ा। 1976 में शरारती तत्वों के घुसने से हुए सांप्रदायिक दंगों की यादें ताजा हो गईं। इस बार सर्वे के दौरान पथराव फायरिंग और आगजनी ने माहौल खराब कर दिया। स्थानीय लोग भाईचारा कायम रखने और अफवाहों से बचने की अपील कर रहे हैं। मुफ्ती आलम और महंत जुगल किशोर मिश्रा ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कही।

जागरण संवाददाता, संभल। शहर की जामा मस्जिद को लेकर ये पहला विवाद नहीं है। 48 साल पहले भी इसी मस्जिद में शरारती तत्वों के घुसने पर बड़ा बवाल हुआ था। पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ जैसी दास्तां उस दौरान भी हुई थी। अब ये घटना हुई तो पुरानी घटना भी ताजा हो गई।
बात 1976 की है। बताते हैं कि कुछ शरारती तत्वों ने जामा मस्जिद में घुसकर माहौल खराब किया गया था। जिसको लेकर संभल में तनाव की स्थिति बन गई थी और शहर सांप्रदायिक दंगे की आग में झुलस गया था। इस घटना के बाद काफी समय तक हिंदू-मुसलमानों के बीच नफरत का माहौल बना था लेकिन, यहां के भाईचारे का मिजाज यह है कि दोनों संप्रदायों ने अपने मतभेद भुलाकर फिर से भाईचारा कायम किया है।
सर्वे को लेकर मस्जिद सुर्खियों में
48 साल बाद क बार फिर अब सर्वे को लेकर मस्जिद सुर्खियों में आई है। इस बार भी पुराने घटना की तरह पथराव, फायरिंग और आगजनी जैसी मामले हुए हैं। यही वजह है कि शहर के लोगों के जैहन में पुरानी घटना ताजा हो गई है। शहर के रहने वाले सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि 1976 वाला बवाल भी बड़ा था। उस दरमियान भी कई गाड़ियों में आग लगी थी।
फायरिंग और आगजनी से पूरा शहर दहशत में था। कई दिन तक माहौल पटरी पर नहीं आया था। बाजार बंद हो गए थे। स्कूल भी नहीं खुले थे। आखिर में बोले कि अब ऐसा नहीं होना चाहिए था जो, रविवार को हुआ है। इससे शहर बदनाम होता है। भाईचारे बिगड़ता है। लोगों को समझना चाहिए। ताकि शहर में अमन-चेन कायम रह सके।
संभल की जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान जो, हुआ। वो, बहुत दुखद है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। शहर के लोगों से अपील है कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करें। माहौल को न बिगाड़े और अफवाहों पर कतई ध्यान न दें। ताकि संभल की अवाम में भाईचारा कायम रह सकें। - मुफ्ती आलम रजानूरी, सिरसी।
कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे हो रहा है। उसका सम्मान करना चाहिए। पुलिस-प्रशासन को सुरक्षा के लिहाज से मौजूद है। फिर उन पर पथराव करना गलत है। शांति बनी रहनी चाहिए। क्योंकि आपसी भाईचारा भी जरूरी है। अभी मस्जिद को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। सिर्फ सर्वे ही चल रहा है। - महंत जुगल किशोर मिश्रा, सराय तरीन।
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