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    औचक न‍िरीक्षण में सिटी मजिस्ट्रेट ने अस्पताल के मांगे कागज तो टॉयलेट के बहाने भागा संचालक, अधि‍कारी ने की ये कार्रवाई

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:11 PM (IST)

    संभल के असमोली क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट ने दो निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। अस्पताल संचालक पंजीकरण के कागजात दिखाने में विफल रहे, जिसके बाद ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, संभल। असमोली थाना क्षेत्र के गांव ओबरी में सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सोनी ने दो निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया। उनके संचालकों से स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण संबंधी कागज दिखाने के लिए कहा गया तो वह कुछ नहीं दिखा सके। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने दोनों के अनाधिकृत रूप से संचालित होने पर उन्हें सील करा दिया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की क्वैक्स टीम को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।

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    बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट टीम के साथ असमोली थाना क्षेत्र के गांव ओबरी चौराहा पर स्थित अरशद क्लीनिक में पहुंचे। वहां निरीक्षण के समय क्लीनिक का उपयोग अस्पताल में किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि वहां क्लीनिक में गांव निवासी अशरफ मौजूद थे और वहां दो आक्सीजन सिलिंडर, सात बेड, एक प्रसव कक्ष व एक मेडिकल स्टोर संचालित पाया गया। कुछ लोग अपना इलाज कराने के लिए बैठे थे। ऐसे में अस्पताल के पंजीकरण संबंधी दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो वह कुछ नहीं दिखा सके।

    अशरफ टायलेट का बहाना बनाकर मौके से भाग गया। काफी देर तक इंतजार के बाद जब कोई नहीं आया तो अवैध मानते हुए सील कर दिया गया। इसके बाद टीम टांडा कोठी चौराहे पर स्थित मदार हेल्थ केयर पर पहुंची तो उसके मेन गेट का ताला बाहर से बंद था। जबकि पास में ही कुछ मरीज चारपाई पर बैठे थे।

    जानकारी करने पर बताया कि उन्हें पीछे के दरवाजे से निकाला गया है। इस पर वह पीछे के दरवाजे से क्लीनिक के अंदर पहुंचे तो वहां मौके पर कुछ लोग मिले। जिन्होंने पूछताछ में अपना नाम रईस निवासी न्यावली, मोहम्मद शहजान निवासी पिपलौती थाना हसनपुर जिला अमरोहा, मनीष निवासी हसनपुर जिला अमरोहा, शिवम कुमार निवासी दतावली थाना हयातनगर, कामिल व अल हसन निवासी खईया पतई थाना डिडौली जिला अमरोहा मौजूद मिले।

    साथ ही बताया कि इास अस्पताल को डॉ. परवेज आलम चलाते हैं। जांच के दौरान वहां पर नौ बेड व एक मेडिकल स्टोर मिला। जबकि एक कमरे में दवाएं, एआईसीयू की मशीन भी रखी थी। इस पर पंजीकरण संबंधी दस्तावेज दिखाने को कहा तो वह कुछ नहीं दिखा सके। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने उसे सील करते हुए दोनों अस्पतालों के खिलाफ जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग की क्वैक्स टीम प्रभारी डॉ. मनोज चौधरी को दिए।