संभल में 2.74 लाख किसानों को मिली सम्मान निधि की 21वीं किस्त, किसान दिवस बैठक में योजनाओं की जानकारी
कलक्ट्रेट सभागार में बुधवार आयोजित किसान दिवस बैठक में सबसे पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने जिले की 2,74,697 किसानों को उनके खाते में सीधे योजना की 21वीं किस्त प्रदान की।

संवाद सहयोगी, बहजोई। कलक्ट्रेट सभागार में बुधवार आयोजित किसान दिवस बैठक में सबसे पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने जिले की 2,74,697 किसानों को उनके खाते में सीधे योजना की 21वीं किस्त प्रदान की।
डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने भी किसानों को योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक होने के लिए कहा। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. महावीर ने बताया कि जनपद में वर्तमान में आलू, सरसों और गेहूं की फसलें मुख्य रूप से खेतों में लगी हैं और आलू में अक्सर लगने वाली काली चेचक बीमारी की रोकथाम के लिए मैनकोजैव के छिड़काव और मिट्टी उपचार के लिए एक से दो किग्रा ट्राइकोडर्मा गोबर में मिलाकर उपयोग करने का सुझाव दिया, साथ ही खराब मौसम की स्थिति में मैटाएक्सेल तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव प्रभावी रहेगा।
सरसों की फसल में 40-45 दिन बाद सिंचाई करने और लागत कम करने के लिए थायोयूरिया के उपयोग की सलाह दी गई, गेहूं के लिए अगेती प्रजाति एचडी 2088 और पिछेती प्रजाति एचडी 3271 अपनाने के साथ अधिक नमी व नाइट्रोजन की जरूरत बताई गई।
उप कृषि निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी ने पीएम किसान की 21वीं किस्त प्राप्त करने के लिए भूलेख अंकन, आधार-खाता लिंकिंग और फेशियल ई-केवाईसी जैसी अनिवार्य शर्तें पूर्ण कराने पर जोर दिया और पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, पीएम कुसुम सोलर पंप, कृषि यंत्रीकरण और मिलेट्स पुनरुद्धार योजना के लाभ बताए, किसानों को सोसाइटी, प्राइवेट दुकानों, एफपीओ और एग्रीजंक्शन केंद्रों से खाद, यूरिया, एनपीके और डीएपी निर्बाध उपलब्ध रहने की जानकारी दी गई।
किसानों द्वारा खाद वितरण की समस्या उठाए जाने पर जिला कृषि अधिकारी ने इसकी निगरानी के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाने का प्रस्ताव दिया, चकबंदी विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति की आवश्यकता भी रखी गई, जिलाधिकारी ने बीजों के बढ़ते मूल्य को देखते हुए किसानों को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने, रसायनिक खेती के दुष्प्रभावों से बचाव हेतु जैविक खेती अपनाने और कैंसर जैसी बीमारियों से बचने के लिए जैविक खेती को एकमात्र सुरक्षित विकल्प बताया तथा खाद की आपूर्ति निर्बाध बनाए रखने का भरोसा दिया और किसानों से निर्धारित मात्रा के अनुरूप खाद उपयोग व पराली न जलाने के निर्देश दिए।

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