Updated: Sat, 19 Jul 2025 06:26 PM (IST)
संभल जिले के 21 परिषदीय विद्यालयों को मिनी आईटीआई के रूप में विकसित किया गया है जहाँ छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ‘करके सीखो’ के सिद्धांत पर आधारित यह योजना छात्रों को आत्मनिर्भर बना रही है। इन विद्यालयों के छात्रों ने आईआईटी दिल्ली और टेककृति 2025 जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है जिससे जिले का नाम रोशन हुआ है।
संवाद सहयोगी, बहजोई। जिले के 21 परिषदीय विद्यालयों को मिनी आइटीआइ के रूप में विकसित किया गया है। यहां तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है।
आधुनिक प्रयोगशालाओं से सुसज्जित इन स्कूलों में ‘करके सीखो’ के सिद्धांत पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस पहल का असर भी दिखाई दे रहा है, जिले के छात्र राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।
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जनपद के 15 कंपोजिट विद्यालयों और छह उच्च प्राथमिक विद्यालयों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ते हुए मिनी आइटीआइ के रूप में विकसित किया गया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को व्यावसायिक दक्षता देने के लिए आधुनिक संसाधनों से युक्त प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, जहां छात्र-छात्राएं स्वयं प्रयोग कर ज्ञान अर्जित कर रहे हैं।
जिला समन्वयक आकाश राठौर के अनुसार, यह योजना नोडल अधिकारियों की देखरेख में संचालित हो रही है और जिले में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने का एक सफल माडल बनकर उभर रही है। इसका उद्देश्य बच्चों को स्कूल स्तर पर ही तकनीकी रूप से दक्ष बनाना है, जिससे वे भविष्य में स्वरोजगार या उच्च तकनीकी शिक्षा के लिए तैयार हो सकें।
नोडल शिक्षक (एसआरजी) शालिनी सक्सेना ने बताया कि हाल ही में इन विद्यालयों के छात्रों ने आइआइटी दिल्ली की ओर से आयोजित ब्लाइंडबाट रोबोटिक्स प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। 35 से अधिक इंजीनियरिंग कालेजों की टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा में संभल के परिषदीय छात्रों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। इसके अलावा, आइआइटीर कानपुर के टेक फेस्ट टेककृति 2025 में भी इन छात्रों ने भाग लिया, जहां देशभर के 150 से अधिक इंजीनियरिंग संस्थानों ने प्रतिभाग किया।
प्रतियोगिता के दौरान बीटेक छात्रों के साथ युग्मन कराकर मुकाबले कराए गए, जिसमें संभल की टीमों ने सम्मानजनक रैंक प्राप्त की। इसमें बनियाखेड़ा की टीम ने चौथा स्थान, पवांसा की टीम ने छठा स्थान, बहजोई ने 11वां, संभल ने 12वां स्थान प्राप्त किया था।
इन उपलब्धियों में पीएम श्री विद्यालयों के 13 बच्चों की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिन्होंने तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में संभल को एक नई पहचान दिलाई। वर्जन जिलाधिकारी के निर्देशन में ‘लर्निंग बाई डूइंग’ कार्यक्रम को परिषदीय विद्यालयों में प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
यह पहल विद्यार्थियों के लिए शिक्षा से आगे बढ़कर स्वरोजगार और तकनीकी दक्षता की ओर एक ठोस कदम है। -अलका शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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