Updated: Mon, 01 Sep 2025 09:01 PM (IST)
चंदौसी में दहेज हत्या के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण ने पति पवन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 36 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पवन पर अपनी पत्नी मोहरश्री को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और उसकी हत्या करने का आरोप था। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सास और ससुर को दोषमुक्त कर दिया।
जागरण संवाददाता, चंदौसी। दहेज के लिए पत्नी को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और बाद में हत्या करने के ममाले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (रेप केसेस व पाक्सो एक्ट) निर्भय नारायण ने पति पवन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ की कोर्ट ने उस पर 36 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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जानकारी के अनुसार धनारी थाना क्षेत्र के भल्लू सिंह ने अपनी पुत्री मोहरश्री का विवाह पवन पुत्र रामप्रकाश, निवासी कौआखेड़ा, थाना धनारी के साथ किया था। आरोप है कि शादी के बाद पति व ससुराल वाले अतिरिक्त दहेज और चार पहिया वाहन की मांग कर रहे थे।
इनकार करने पर मोहरश्री को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। इसके बाद एक जून 2022 को मोहरश्री की फंदे पर लटकाकर हत्या कर दी गई। मोहरश्री के पिता भल्लू सिंह की ओर से पति पवन, उसके ससुर रामप्रकाश और सास अंगूरी देवी के खिलाफ दहेज हत्या और प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया था।
एडीजीसी रीता रानी ने बताया कि मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (रेप केसेस व पॉक्सो एक्ट) निर्भय नारायण ने पति पवन को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 36000 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने ससुर रामप्रकाश, सास अंगूरी देवी को दोष मुक्त कर दिया गया।
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