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    Sambhal News: गंगा के बहाव में गुन्नौर में इशमपुर की पक्की सड़क बही, गांव-आश्रम से टूटा संपर्क

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Wed, 09 Jul 2025 07:40 PM (IST)

    गुन्नौर तहसील में गंगा नदी के रौद्र रूप के कारण इशमपुर गांव के पास बनी सड़क का एक बड़ा हिस्सा नदी में समा गया है जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। किसानों को खेतों तक पहुंचने में परेशानी हो रही है और श्रद्धालुओं के लिए आश्रम जाना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण प्रशासन से कटाव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

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    गंगा के बहाव के कारण हो रहा कटान। जागरण

    संवाद सूत्र, गुन्नौर। गंगा का रौद्र रूप एक बार फिर गुन्नौर तहसील के ग्रामीण अंचल पर संकट बन गया है। इशमपुर गांव से रविदास साधु आश्रम और गंगा तट तक जाने वाली पक्की सड़क का एक बड़ा हिस्सा गंगा की धारा में समा गया है। लगभग चार वर्ष पूर्व बनी यह सड़क क्षेत्रीय जीवनरेखा की भूमिका निभा रही थी, लेकिन निरंतर हो रहे कटाव के सामने यह टिक नहीं सकी। वर्तमान में एक किलोमीटर से अधिक सड़क बह चुकी है, जबकि शेष ढाई किलोमीटर सड़क भी खतरे की जद में है।

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    यह मार्ग न केवल किसानों के खेतों तक पहुंच का माध्यम था, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए गंगा स्नान और आश्रम दर्शन का एकमात्र सुगम रास्ता भी था। सड़क कटने के कारण अब ग्रामीणों को आवागमन के लिए वैकल्पिक, असुविधाजनक और जोखिमभरे रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे जहां आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, वहीं धार्मिक गतिविधियों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें घूमकर लंबे रास्ते से आश्रम की ओर से जाना होगा। दूसरी ओर उनके खेती आदि भी है जो सड़क बह जाने से प्रभावित होगी।

    दूसरी ओर बुधवार को चौधरी चरण सिंह गंगा नरौरा बैराज पर डाउनस्ट्रीम में 71,077 क्यूसेक और अपस्ट्रीम में 86,107 क्यूसेक जल प्रवाह दर्ज किया गया, जो मंगलवार की तुलना में अधिक है। यद्यपि यह जलस्तर खतरे के निशान 2.5 लाख क्यूसेक से अभी नीचे है, किंतु पानी का दबाव और गंगा का तेज बहाव क्षेत्र में प्रतिदिन कटान की गति को तेज कर रहा है। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रबंधन के तहत 16 बाढ़ चौकियों की स्थापना, 13 शरणालयों का निर्माण और विशेष प्रबंधन दलों की तैनाती की गई है। परंतु ग्रामीणों का कहना है कि कागजी तैयारियों से हालात नहीं सुधरते, कटान को रोकने के लिए ठोस भू-तकनीकी उपाय, विशेषकर बांध या रिटेनिंग वाल का निर्माण कराया जाए।

    वहीं एक बार फिर स्थानीय लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। उनका कहना है कि यदि स्थिति पर शीघ्र नियंत्रण नहीं पाया गया तो न केवल संपर्क मार्ग पूरी तरह टूट जाएंगे, बल्कि निकटवर्ती आबादी, खेत और धार्मिक स्थल भी गंगा की भेंट चढ़ सकते हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अविलंब कटावरोधी कार्य प्रारंभ करने की मांग की है। गुन्नौर उप जिला अधिकारी वंदना मिश्रा ने बताया कि मामले को दिखाया जा रहा है, राहत के लिए कर्मचारियों को भेजा रहा है, व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा।