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    चकबंदी में लापरवाही: संभल डीएम का सख्त एक्शन, लेखपालों से रिपोर्ट तलब

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 07:37 PM (IST)

    जनपद में चकबंदी को लेकर कर्मचारियों की उदासीनता और न्यायालय में मिल रही तारीख पर तारीख, किसानों को कब्जा परिवर्तन और उनके चक नहीं मिलने, दफ्तरों के चक्कर लगाने के साथ-साथ सुनवाई नहीं होने जैसे मामलों को उजागर होने के बाद अब डीएम ने इस पूरे मामले में संज्ञान लिया है। जिसमें बड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी कर शिकंजा कसने के संकेत दे दिए हैं, जिसके अंतर्गत डीएम ने सभी गांव के लेखपालों के साथ बैठक करते हुए एक महीने में रिपोर्ट मांगी है।

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    संवाद सहयोगी, बहजोई। जनपद में चकबंदी को लेकर कर्मचारियों की उदासीनता और न्यायालय में मिल रही तारीख पर तारीख, किसानों को कब्जा परिवर्तन और उनके चक नहीं मिलने, दफ्तरों के चक्कर लगाने के साथ-साथ सुनवाई नहीं होने जैसे मामलों को उजागर होने के बाद अब डीएम ने इस पूरे मामले में संज्ञान लिया है। जिसमें बड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी कर शिकंजा कसने के संकेत दे दिए हैं, जिसके अंतर्गत डीएम ने सभी गांव के लेखपालों के साथ बैठक करते हुए एक महीने में रिपोर्ट मांगी है।

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    विदित रहे दैनिक जागरण ने जिले चकबंदी को लेकर तीन दिनों तक किसानों की मुश्किलों की खबरें प्रकाशित की थी, जिसमें जिले में वर्तमान समय में कुल 32 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया प्रचलित है, जिनमें 27 गांव ऐसे हैं जहां यह प्रक्रिया दस वर्ष से अधिक समय से अधूरी है, जबकि कुछ गांवों में यह मामला 15 से 23 वर्ष से अटका हुआ है।

    इनमें उधरनपुर अजमतनगर में 23 साल, सिसौना डांडा में 28 साल, दीपपुर डांडा में 25 साल से चकबंदी अटकी है,जहां कब्जा परिवर्तन की कार्रवाई अधूरी है। कहीं किसानों की जमीनें फाइलों में अटकी हैं तो कहीं कब्जा प्रभावशाली किसानों के हिस्से में चली गई है। कई स्थानों पर वर्ष 2002 से लेकर अब तक पैमाइश की त्रुटियां और रिकार्ड की गड़बड़ियां सुधर नहीं सकी हैं। चकबंदी प्रक्रिया की धीमी रफ्तार के पीछे मुख्य कारण अधिकारी और कर्मचारियों की कमी है।

    बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी का प्रभार वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर सौरभ पांडेय के पास है, जबकि उपसंचालक चकबंदी के पद पर किसी की तैनाती नहीं है। वर्तमान में बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी के न्यायालय में करीब 800 और उपसंचालक चकबंदी न्यायालय में 150 से अधिक मामले लंबित हैं। इन हालातों को देखते हुए डीएम ने सोमवार को जिले के 32 गांवों में तैनात 31 लेखपालों और अन्य राजस्व व चकबंदी कर्मचारियों को अपने कार्यालय बुलाकर सख्त निर्देश दिए।

    डीएम ने कहा कि एक महीने के भीतर प्रत्येक गांव की भौतिक प्रगति, अभिलेखीय स्थिति और समस्याओं की अपडेट रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाए। इसमें यह भी स्पष्ट किया जाए कि किस गांव में कितनी भूमि का कब्जा परिवर्तन हुआ, कहां विवाद हैं और किन अधिकारियों या कर्मचारियों की वजह से देरी हुई। यदि निर्धारित अवधि के भीतर चकबंदी से संबंधित शिकायतों और विवादों का निस्तारण नहीं होता या रिपोर्ट में किसी कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

     

     

    चकबंदी से संबंधित सभी गांवों की स्थिति की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं। 32 गांवों में 31 लेखपाल कार्यरत हैं, जिनसे एक माह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। जहां विवाद या लापरवाही की पुष्टि होगी, वहां संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सभी लंबित मामलों का निस्तारण प्राथमिकता पर कराया जाएगा। डॉ. राजेन्द्र पैंसिया, डीएम, संभल।