Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संभल में फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश, गुंबद का निरीक्षण करने पहुंची ASI टीम को रोककर की अभद्रता और...

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में 24 नवंबर 2024 की हिंसा के बाद फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई। 8 अक्टूबर को एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद रावत के नेतृत्व में आई निरीक्षण टीम को रोक दिया गया। इंतेजामिया कमेटी सदस्य हाफिज और काशिफ खान ने एक साथी के साथ मिलकर अधिकारियों से अभद्रता की, जिस पर अन्य लोगों को बुलाया गया और अधिकारी वापस लौट गए।  

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, संभल। जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा के बाद फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। आठ अक्टूबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद रावत के नेतृत्व में निरीक्षण को आई टीम को रोक दिया। इंतेजामिया कमेटी के सदस्य हाफिज और काशिफ खान ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर टीम में शामिल अधिकारियों के साथ अभद्रता की। अन्य लोगों को बुलाने पर अधिकारी वापस लौट गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि एएसआइ मेरठ सर्किल से पत्र मिलने के बाद सरकारी कामकाज में बाधा, धमकाने समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों की तलाश की जा रही है।जामा मस्जिद एएसआइ की ओर से संरक्षित स्मारक है। एएसआइ की टीम संरक्षित स्मारकों का नियमित रूप से संरचनात्मक स्थिति का आकलन करती रहती है। आठ अक्टूबर को विनोद रावत के नेतृत्व में टीम जामा मस्जिद के निरीक्षण के लिए आई थी।

    मस्जिद के गुंबद का करना था निरीक्षण

    टीम को मस्जिद के गुंबद का निरीक्षण करना था। एएसआइ की ओर से दी गई तहरीर के अनुसार मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के हाफिज ने मौके पर मोहम्मद काशिफ खान को बुला लिया। दोनों ने विरोध कर टीम को मुख्य गुंबद तक पहुंचने से रोक दिया। वहां मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने भी उनका साथ दिया। तीनों ने आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर विवाद की स्थिति पैदा कर दी। इससे पहले स्थिति और बिगड़ती, अधिकारी निरीक्षण पूरा किए बिना ही लौट गए।

    पुलिस को एएसआइ का पत्र तीन नवंबर को मिला, इससे बाद उच्च अधिकारियों से विमर्श के बाद 14 नवंबर को हाफिज और काशिफ खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पिछले वर्ष 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हो गई। 30 अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस व चार मृतकों के स्वजन की ओर से 12 मुकदमे दर्ज कराए गए। जिनमें सांसद जियाउर्रहमान बर्क सहित 37 आरोपित नामजद हैं। जबकि 3700 के आसपास अज्ञात हैं।

    पुलिस चार्जशीट कर चुकी है दाखिल

    पुलिस 94 आरोपितों को गिरफ्तार कर 11 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। हिंसा के मास्टरमाइंड शारिक साठा का लुकआउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है। हिंसा के बाद से ही संभल में अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। इस वर्ष दो जनवरी को कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट भी पेश की जा चुकी है। सरकार द्वारा हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग भी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुका है।