वेतन रुकने से परिषदीय शिक्षकों में खलबली, धनराशि को नियमानुसार खर्च ना करने पर बड़ी कार्रवाई
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अलका शर्मा ने समग्र शिक्षा के तहत प्राप्त धनराशि का नियमानुसार उपयोग न करने पर सख्त कार्रवाई करते हुए जनपद के 1289 परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और इंचार्ज अध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है।
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संवाद सहयोगी, बहजोई। जनपद में समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्राप्त विभिन्न मदों की धनराशि का नियमानुसार व्यय न किए जाने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अलका शर्मा ने कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने जनपद के 1289 परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व इंचार्ज अध्यापकों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं।
क्या बोले बीएसए अलका शर्मा?
बीएसए अलका शर्मा ने बताया कि 17 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में पाया गया कि जनपद को अवमुक्त की गई धनराशि-जैसे कंपोजिट ग्रांट, स्पोर्ट्स ग्रांट, लाइब्रेरी ग्रांट, निर्माण कार्यों हेतु स्पिल ओवर धनराशि तथा वित्तीय वर्ष 2025–26 के अतिरिक्त कक्षा-कक्ष निर्माण मद की धनराशि का अब तक नियमानुसार उपभोग नहीं किया गया है।
इस पर अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) ने जनपद की प्रगति पर नाराजगी जताते हुए बीएसए को चेतावनी दी और निर्देश दिया कि अगले सात दिन में सभी धनराशियों का उपभोग सुनिश्चित किया जाए। इसी क्रम में बीएसए ने आदेश जारी किया है कि जब तक प्रत्येक विद्यालय की स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) स्तर पर धनराशि का नियमानुसार व्यय कर उसका उपभोग प्रमाणपत्र खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया जाता, तब तक प्रधानाध्यापक / इंचार्ज अध्यापकों के वेतन पर रोक रहेगी। इस आदेश से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों में खलबली मच गई। कई विद्यालयों में उपभोग प्रमाणपत्र तैयार कराने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है।

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