यूपी के इस जिले में शिव मंदिर से हटाई साईं बाबा की प्रतिमा, गंगा नदी में विसर्जन; भगवान गणेश होंगे स्थापित
संभल के एक शिव मंदिर से साईं बाबा की प्रतिमा को हटाकर गंगा में विसर्जित कर दिया गया। मंदिर समिति ने यह निर्णय सनातन धर्म की परंपराओं का पालन करते हुए लिया क्योंकि साईं बाबा का उल्लेख शास्त्रों में नहीं मिलता। अब गणेश चतुर्थी पर मंदिर में भगवान गणेश की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी जिसके साथ प्रतिदिन भजन-कीर्तन का आयोजन होगा।
संवाद सहयोगी, जागरण, संभल। शिव मंदिर में वर्षों से स्थापित साईं बाबा की प्रतिमा मंगलवार तड़के हटा दी गई। सुबह लगभग चार बजे समिति के सदस्य प्रतिमा को सम्मानपूर्वक मंदिर से उठाकर अनूपशहर ले गए, जहां गंगा में उसका विधि-विधान से विसर्जन किया गया। समिति ने बताया कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर अब मंदिर में भगवान गणेश की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस अवसर पर प्रतिदिन भजन-कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
प्रतिमा हटाने के पीछे का रखा तर्क
दरअसल, मंदिर के पुजारी आचार्य पंडित अवनीश शास्त्री ने साईं बाबा की प्रतिमा को हटाने के पीछे का तर्क भी सामने रखा। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म में भगवानों, ऋषियों और अवतारों का स्पष्ट उल्लेख शास्त्रों में मिलता है, लेकिन उनमें साईं बाबा का कहीं उल्लेख नहीं है। उनका कहना था कि शिव मंदिर सनातन परंपराओं का केंद्र है, जहां केवल वैदिक देवी-देवताओं की पूजा ही की जानी चाहिए।
मंदिर समिति और श्रद्धालुओं की सहमति
इस पर मंदिर समिति और श्रद्धालुओं ने सहमति जताई कि साईं बाबा का सम्मान अपनी जगह है, लेकिन उन्हें सनातन परंपरा का अंग मानना उचित नहीं होगा। मंदिर समिति ने कुछ दिन पूर्व बैठक कर यह निर्णय लिया था कि साईं बाबा की प्रतिमा को मंदिर से सम्मानपूर्वक हटाया जाएगा। उस समय मौजूद श्रद्धालुओं ने भी पुजारी के विचारों का समर्थन किया था। समिति ने आश्वासन दिया था कि प्रतिमा को अपमानित नहीं किया जाएगा, बल्कि विधिवत विसर्जन किया जाएगा। मंगलवार को यह निर्णय अमल में आया।
गणेश चतुर्थी की तैयारी शुरू
प्रतिमा विसर्जन के बाद मंदिर परिसर में अब गणेश चतुर्थी की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना के साथ प्रतिदिन भजन-कीर्तन का आयोजन होगा।
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