Sambhal News: '2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त करने का लक्ष्य', अभियान के लिए धर्मगुरुओं ने उठाई आवाज
संभल में जस्ट राइट्स फार चिल्ड्रेन संस्था ने बाल विवाह के खिलाफ धर्मगुरुओं को एकजुट किया। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्मगुरुओं से बाल विवाह रोकने की अपील की गई। संस्था 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त करने का लक्ष्य लेकर जागरूकता अभियान चला रही है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत यह गैरकानूनी है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

संवाद सहयोगी, जागरण, संभल। बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए जस्ट राइट्स फार चिल्ड्रेन की सहयोगी संस्था प्रयत्न ने विश्व अंतरधार्मिक सप्ताहांत के अवसर पर सभी प्रमुख धर्मगुरुओं को एकजुट कर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ सामूहिक आवाज उठाने का फैसला किया है।
इस पहल के तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत सभी संप्रदायों के धर्मगुरुओं से अपने-अपने समाज में बाल विवाह पर रोक लगाने की अपील की जाएगी। नगर से सटे गांव नूरियो सराय में जागरूकता अभियान के दौरान संस्था जिला प्रभारी गौरीशंकर चौधरी ने बताया कि संगठन कई वर्षों से जिले में जागरूकता कार्यक्रम, कानूनी सहायता और सामुदायिक हस्तक्षेप के माध्यम से बाल विवाह रोकने का काम कर रहा है।
2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है
गौरी शंकर चौधरी ने कहा कि बाल विवाह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य को नष्ट करने के साथ-साथ समाज की प्रगति में भी बाधक है। हमारा लक्ष्य 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना है। विश्व अंतरधार्मिक सप्ताहांत हर साल विभिन्न धर्मों के बीच एकता और सामाजिक सरोकारों पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस बार इसका मुख्य केंद्र बिंदु बाल विवाह उन्मूलन रहेगा।
अभियान के दौरान यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की किशोरियों और 21 वर्ष से कम आयु के युवकों का विवाह अवैध है। इसमें शामिल सभी पक्षों के लिए सख्त दंड का प्रावधान है। जिला प्रोबेशन अधिकारी चंद्रभूषण ने कहा कि बाल विवाह की किसी भी सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
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