राहुल गांधी से जुड़े बयान के मामले में अब सोमवार को फैसला सुनाएगी MP-MLA एडीजे कोर्ट
राहुल गांधी से जुड़े एक मामले में एमपी-एमएलए एडीजे कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगी। यह मामला राहुल गांधी के एक बयान से संबंधित है। अदालत का निर्णय महत्वपूर्ण होगा और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं।
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जागरण संवाददाता, चंदौसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरती फौजदार की अदालत ने शुक्रवार को बहुचर्चित सिमरन गुप्ता बनाम राहुल गांधी प्रकरण में सुनवाई पूरी करते हुए निगरानी याचिका को निरस्त कर दिया। यह निगरानी याचिका परिवादी सिमरन गुप्ता द्वारा विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट, चंदौसी के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी।
राहुल गांधी के अधिवक्ता सगीर सैफी ने बताया कि सिमरन गुप्ता ने सांसद राहुल गांधी के कथित बयान “हमारी लड़ाई भाजपा-आरएसएस से नहीं बल्कि इंडियन स्टेट से है” को संज्ञेय अपराध बताते हुए धारा 173(4) भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, एमपी/एमएलए कोर्ट ने 10 फरवरी 2025 को पारित आदेश में कहा था कि उक्त बयान दिल्ली में दिया गया था, और परिवादी स्वयं भी दिल्ली की निवासी हैं।
संभल जिले की अदालत को क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं
ऐसे में, इस मामले में संभल जिले की अदालत को क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। हालांकि सिमरन गुप्ता की ओर से तर्क दिया गया कि उन्होंने यह बयान बहजोई स्थित अपने आवास पर टीवी समाचार चैनल के माध्यम से सुना था, जो न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रार्थी यह स्पष्ट नहीं कर सका कि उक्त बयान से भारत की संप्रभुता, अखंडता या एकता को किस प्रकार खतरा उत्पन्न हुआ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरती फौजदार ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा कि निचली अदालत ने तथ्यों और कानून का समुचित परीक्षण करते हुए उचित आदेश पारित किया है। इस आधार पर अदालत ने सिमरन गुप्ता की निगरानी याचिका को बलहीन बताते हुए निरस्त कर दी। वहीं सिमरन गुप्ता का कहना है कि वह इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

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