सरकारी ठप्पा लगाकर दौड़ रहीं प्राइवेट गाड़ियां, नहीं लग रही हूटर कल्चर पर लगाम
जिले में निजी वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार लिखवाने का चलन बढ़ रहा है। हूटर और सायरन के इस्तेमाल से आम जनता में भ्रम पैदा हो रहा है। परिवहन विभाग और पुलिस की निष्क्रियता से वाहन मालिकों के हौसले बुलंद हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यह चलन और बढ़ेगा। परिवहन विभाग जल्द ही विशेष अभियान चलाएगा।

संवाद सहयोगी, बहजोई । जिले में वीआईपी कल्चर का असर तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में निजी वाहन मालिक अपनी गाड़ियों पर उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार लिखवाकर सड़क पर दौड़ा रहे हैं। इन वाहनों पर हूटर, सायरन और मोडिफाइड उपकरण तक लगाए गए हैं, जिनसे आम लोगों के बीच झूठी सरकारी पहचान का डर बैठाया जाता है और लोग इन्हें सरकारी गाड़ी मानकर रास्ता छोड़ देते हैं या दबाव महसूस करते हैं।
परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात पुलिस की ओर से कार्रवाई न होने से वाहन स्वामियों के हौसले बुलंद हैं और ये निजी गाड़ियां बेखौफ सड़कों पर दौड़ रही हैं। नियमों के अनुसार ऐसे स्लोगन, प्रतीक और हूटर का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है, बावजूद इसके शहर और ग्रामीण इलाकों में रोजाना ऐसे वाहन देखे जा सकते हैं।
अधिकारी के यहां किराए पर चल रही थी गाड़ियां
आगरा मुरादाबाद नेशनल हाईवे से लेकर प्रमुख लिंक मार्गों पर तमाम बोलेरो और अन्य गाड़ियां मिल जाएंगी, जो कभी किसी बड़े अधिकारी के यहां किराए पर चली थीं, लेकिन अब निजी उपयोग में होने के बावजूद उन पर आज भी सरकारी ठप्पा लगा है। इससे न केवल आम जनता की परेशानी बढ़ रही है, बल्कि सड़क पर व्यवस्था भी बिगड़ रही है।
लोग कहते हैं कि ऐसे वाहन देखकर उन्हें असली और नकली सरकारी गाड़ी में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। जिम्मेदार विभागीय टीमें कार्रवाई से बचती दिख रही हैं, जिसके चलते लोगों में असंतोष है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते इन पर सख्त कार्रवाई न की गई तो यह चलन और तेजी से बढ़ेगा और सड़क पर आम नागरिकों की दिक्कतें और बढ़ जाएंगी।
निजी वाहनों पर उत्तर प्रदेश सरकार या भारत सरकार लिखना, हूटर और सायरन लगाना नियम विरुद्ध है। यह प्रवृत्ति गलत है और इसके लिए जुर्माने और वाहन सीज तक की कार्रवाई का प्रावधान है। परिवहन विभाग जल्द ही विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहनों की पहचान करेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पूर्व में भी ऐसे वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है। -अमिताभ चतुर्वेदी, एआरटीओ, संभल।
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