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    पुलिस ने दिया थर्ड डिग्री टॉर्चर- प्लास से नाखून खींचे, उल्टा लिटाकर हथकड़ी-पट्‌टों से पीटा; एनकाउंटर की दी धमकी

    बनियाठेर थाना पुलिस ने चोरी की बैटरी बरामद करने के लिए गुमथल गांव के सात लोगों को हिरासत में लिया और चार दिन तक उन पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल की गई। टॉर्चर करने में पुलिस ने सारी सीमाएं तोड़ दी। यहां तक कि एक व्यक्ति के हाथों और पैरों के नाखून भी प्लास से खींच लिए। रात के अंधेरे में बंद कमरे में इन लोगों की चीखें गूंजती रहीं।

    By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 02 Dec 2023 10:11 PM (IST)
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    पुलिस ने दिया थर्ड डिग्री टॉर्चर- प्लास से नाखून खींचे, उल्टा लिटाकर हथकड़ी-पट्‌टों से पीटा; एनकाउंटर की दी धमकी

    जागरण संवाददाता, चंदौसी। बनियाठेर थाना पुलिस ने चोरी की बैटरी बरामद करने के लिए गुमथल गांव के सात लोगों को हिरासत में लिया और चार दिन तक उन पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल की गई। टॉर्चर करने में पुलिस ने सारी सीमाएं तोड़ दी। यहां तक कि एक व्यक्ति के हाथों और पैरों के नाखून भी प्लास से खींच लिए। 

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    रात के अंधेरे में बंद कमरे में इन लोगों की चीखें गूंजती रहीं, लेकिन बेरहम पुलिस को तरस नहीं आया। चार दिन तक इनके साथ लगातार अमानवीयता की गई। जब यह लोग मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए तो उन्हें घर भेज दिया। इस समय पुलिस की बेरहमी के शिकार सात लोगों का इलाज चल रहा है।

    यह है पूरा मामला

    थाना बनियाठेर के गुमथल गांव में स्थित एक ई-रिक्शा एजेंसी के गोदाम से करीब ढाई लाख रुपये की बैटरी चोरी हो गई थी। इस मामले में एजेंसी मालिक द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। 

    बीती 19 नवंबर की रात पुलिस ने ग्राम गुमथल में दबिश दी और और करीब दर्जन भर घरों में तोड़फोड़, मारपीट और गाली गलौज करने के साथ ही सात लोगों को पकड़ लिया और थाने ले आई। यहां लाकर उन्हें टॉर्चर करना शुरू किया तो सभी हदें पार कर दीं। 

    इनके साथ हुई हैवानियत

    मुरादाबाद में रेलवे स्टेशन पर बैंडर का काम करने वाले सुरेश के पैरों व हाथों की अंगुलियों के नाखून प्लास से खींचे गए। उसे उल्टा लिटा कर बेतहाशा मारा गया सिर में हथकड़ी व पट्‌टों से प्रहार किए गए। 

    गिरिराज पासी को इतना पीटा गया कि उसका एक हाथ टूट गया और सिर में भी गंभीर चोटें आईं। इसी तरह रोहिताश के साथ भी किया गया। इसका एक पैर टूट गया। 

    22 नवंबर को भारत सिंह व गंगाराम को पुलिस रात में घर में सोते से उठा लाई और इन्हें इतना पीटा कि हालत मरणासन्न हो गई। इस पर एक प्राइवेट वाहन से गंभीर हालत में पुलिस वाले चंदौसी के विनायक अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने हालत गंभीर बताकर इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद दोनों को एक निजी वाहन से उनके घर छुड़वाया गया।

    मानसिक संतुलन खोने के कगार पर पहुंचे पीड़ित

    चार दिन तक लगातार पिटाई से अपना मानसिक संतुलन खोने के कगार पर पहुंचे सुरेश, गिरिराज, राेहिताश, राजवीर, कालू, पूरन आदि को मुठभेड़ दिखाकर गोली मार देने का भय दिखाकर किसी से भी पिटाई का जिक्र न करने और यह कहने के लिए बाध्य किया गया। 

    कहा गया कि वह यही बताएं कि सभी शराब के नशे में लड़ गए थे। इन सभी का 23 नवंबर को शांति भंग की धाराओं में चालान कर दिया गया है। अभी भी पुलिस वाले गांव में आकर धमका रहे हैं। 

    अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र का कहना है कि इस मामले की जांच सीओ को चंदौसी को सौंपी गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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