Pitru Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में रोजाना की जरूरतों के सामान खरीदने चाहिए या नहीं, क्या कहते हैं ज्योतिष के जानकार
Pitru Paksha 2025 श्राद्ध पक्ष में खरीदारी को लेकर लोगों की धारणा बदल रही है। पहले इसे अशुभ माना जाता था लेकिन अब लोग दैनिक जरूरतों और त्योहारों की तैयारी के लिए खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि बिक्री में वृद्धि हुई है क्योंकि ग्राहक अब पितरों के आशीर्वाद से खरीदारी को शुभ मानते हैं। आचार्य भी इसे निषेध काल नहीं मानते।

संवाद सहयोगी, संभल। Pitru Paksha 2025: सनातन धर्म में प्रत्येक माह किसी न किसी देवता या पर्व को समर्पित है। अश्विन कृष्ण पक्ष देवतुल्य पितरों की स्मृति और श्रद्धा का विशेष काल माना जाता है। यही वह समय है जिसे लोग श्राद्ध पक्ष के नाम से जानते हैं। इस दौरान अपने पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और पूजा अर्पित की जाती है।
कथा व्यास व ज्योतिष के ज्ञाता आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं का कहना है कि श्राद्ध पक्ष केवल पूर्वजों के स्मरण और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का समय है। यह किसी प्रकार का निषेध काल नहीं है। जिन पर पितरों की कृपा बनी रहती है, उन्हें इस पक्ष में पूजा-पाठ करने के साथ-साथ आवश्यक खरीदारी में भी संकोच नहीं करना चाहिए।
पहले श्राद्ध के दिनों में ग्राहक कपड़े तक खरीदने से डरते थे। अब परिवार की ज़रूरतों के लिए लोग बिना झिझक कपड़े ले रहे हैं। बिक्री में 25 से 30 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है।.
लव, कपड़ा दुकानदार
ग्राहक अब कहते हैं कि पितरों के आशीर्वाद से किया गया काम अशुभ नहीं होता। कई लोग श्राद्ध पक्ष में युवा और बच्चों के लिए कपड़े खरीद रहे हैं। पिछले साल से इस बार खरीदारी और बढ़ी है।
योगेश मदान, रेडिमेड कपड़ा, दुकानदार
पहले पखवाड़े भर दुकानें खाली पड़ी रहती थीं। अब छोटे दुकानदार भी राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि बाजार में ग्राहक आ रहे हैं। त्योहार नजदीक होने की वजह से लोग पहले से तैयारी कर लेते हैं।
अशोक मदान, कपड़ा व्यापारी महिलाएं पहले साड़ी और सूट खरीदने से परहेज करती थीं। अब उनका मानना है कि पूजा-पाठ के लिए साफ-सुथरे कपड़े होना शुभ है। इस बार हमारी दुकान पर ग्राहक पहुंच रहे हैं।
चीनू उर्फ पनव राधू, दुकानदारी
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