ऑपरेशन कन्विक्शन का रिकॉर्ड: ढाई साल में 1,535 दोषियों को जेल, 128 को आजीवन कारावास!
उत्तर प्रदेश के संभल में ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस ने जघन्य और महिला अपराधों में त्वरित कार्रवाई करते हुए 1,535 दोषियों को सजा दिलाई है। इनमें 128 ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
शिवकुमार कुशवाहा, जागरण, बहजोई। जघन्य और महिला संबंधी अपराधों के साथ अन्य अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई करने के बाद उन्हें न्यायालय में दोषी सिद्ध करने तक पुलिस की सक्रिय भूमिका रहती है। पुलिस द्वारा न्यायालय में की गई पैरवी से सरकार का आपरेशन कन्विक्शन अभियान कारगर साबित हो रहा है क्योंकि जनपद में इस अभियान की शुरुआत से अब तक तकरीबन 1,535 दोषियों को सजा दिलाई गई, जिनमें 128 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली। इस अवधि में किसी भी मामले में मृत्यु दंड की सजा नहीं दी गई।
इस अभियान की सफलता में पुलिस तीन नए आपराधिक कानून को भी एक कुंजी मान रहे हैं, जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत समय रहते कार्रवाई होती है। प्रदेश सरकार की ओर से जून 2023 से आपरेशन कनविक्शन की शुरुआत की गई थी, जिसमें पुलिस ने सशक्त विवेचना, समयबद्ध चार्जशीट और न्यायालय में प्रभावी पैरवी के जरिए अपराधों के खिलाफ निर्णायक बढ़त बनाना है। जून 2023 से 11 दिसंबर 2025 तक की अवधि में जनपद में कुल 1,192 मामलों में सजा सुनाई गई, जिनमें 1,535 अभियुक्त दोषसिद्ध हुए।
जघन्य अपराधों के अंतर्गत 368 मामलों में 577 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें 42 मामलों में 106 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, एक मामले में एक अभियुक्त को 20 वर्ष की सजा, 29 अभियुक्तों को 10 वर्ष की सजा और 441 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम अवधि की सजा सुनाई गई। पोक्सो एक्ट के अंतर्गत 88 मामलों में 109 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें 13 मामलों में 22 अभियुक्तों को आजीवन कारावास मिला। अन्य सामान्य प्रकृति के अपराधों में 736 मामलों में 849 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई।
समग्र रूप से देखा जाए तो जनपद में कुल 55 मामलों में 128 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 20 मामलों में 27 अभियुक्तों को 20 वर्ष की सजा, 45 मामलों में 60 अभियुक्तों को 10 वर्ष की सजा और लगभग 1000 से अधिक मामलों में 1320 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम अवधि की सजा हुई, जो पुलिस की सतत निगरानी, अभियोजन की मजबूती और न्यायालय में ठोस पैरवी का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।
महिला और पोक्सो अपराधों में सख्ती, दोषियों को नहीं मिली राहत
जून 2023 से 11 दिसंबर 2025 तक पोक्सो एक्ट के कुल 88 मामलों में 109 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई, जिनमें 13 मामलों में 22 अभियुक्तों को आजीवन कारावास मिला। वर्ष 2023 में पोक्सो एक्ट के 17 मामलों में 19 अभियुक्तों को सजा हुई और महिला संबंधी अपराधों में 1 अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
वर्ष 2024 में महिला और पोक्सो से जुड़े 30 मामलों में 36 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें महिला संबंधी मामलों में 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास मिला। शेष आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2025 में महिला और पोक्सो से जुड़े 41 मामलों में 54 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें 14 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
जघन्य अपराधों में 128 अभियुक्तों को आजीवन कारावास
जिले के कुल 368 जघन्य अपराधों के मामलों में 577 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई, जिनमें 42 मामलों में 106 अभियुक्तों को आजीवन कारावास मिला। वर्ष 2023 में जघन्य अपराधों के 28 मामलों में 95 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें 26 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
वर्ष 2024 में 100 जघन्य मामलों में 157 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें 38 अभियुक्तों को आजीवन कारावास मिला। शेष आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में 240 जघन्य मामलों में 325 अभियुक्तों को सजा हुई, जिनमें 42 अभियुक्तों को आजीवन कारावास दिया गया।
अन्य अपराधों में भी बढ़ी दोषसिद्धि, छोटे मामलों में सजा की रफ्तार तेज
कुल 736 मामलों में 849 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। वर्ष 2023 में अन्य अपराधों के 46 मामलों में 96 अभियुक्तों को सजा हुई। वर्ष 2024 में 208 मामलों में 241 अभियुक्तों को सजा दी गई। शेष आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में 482 मामलों में 512 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। 10 वर्ष से कम सजा वाले मामलों में कुल 734 मामले रहे, जिनमें 847 अभियुक्तों को सजा हुई, जबकि 10 वर्ष या उससे अधिक सजा के अंतर्गत 2 मामलों में 2 अभियुक्तों को दंडित किया गया।
2023 की तुलना में 2024 और 2025 में ज्यादा हुई कार्रवाई
जनपद में महिला, पोक्सो, जघन्य और अन्य अपराधों में सजा के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 और वर्ष 2025 में दोषसिद्ध अभियुक्तों की संख्या लगातार बढ़ी है। पोक्सो एक्ट में जहां वर्ष 2023 में 19 अभियुक्तों को सजा हुई, वहीं 2024 में यह संख्या 36 और 2025 में 54 तक पहुंच गई, इसी तरह महिला अपराधों में आजीवन कारावास पाने वाले अभियुक्तों की संख्या 2023 में एक, 2024 में 7 और 2025 में 14 रही।
जघन्य अपराधों में सजा पाने वाले अभियुक्त 2023 में 95 थे, जो 2024 में 157 और 2025 में 325 हो गए। अन्य अपराधों में भी 2023 के 96 अभियुक्तों की तुलना में 2024 में 241 और 2025 में 512 अभियुक्तों को सजा हुई। यह बढ़त भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होने के बाद जांच, चार्जशीट और न्यायालयीन प्रक्रिया में आई तेजी का परिणाम मानी जा रही है।
ऑपरेशन कन्विक्शन: सजा का विस्तृत वर्गीकरण
| सजा की अवधि/प्रकृति | जघन्य अपराध | पॉक्सो एक्ट | अन्य अपराध | कुल सजा योग |
| आजीवन कारावास | 106 | 22 | 00 | 128 |
| 20 वर्ष | 01 | 26 | 00 | 27 |
| 10 वर्ष | 29 | 29 | 02 | 60 |
| 10 वर्ष से कम | 441 | 32 | 847 | 1320 |
| अभियुक्तों का कुल योग | 577 | 109 | 849 | 1535 |
आपरेशन कनविक्शन अभियान के अंतर्गत जैसे ही भारतीय न्याय संहिता के साथ-साथ पुलिस की जांच और कानूनी प्रक्रिया के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू हुई है। उसे पुलिस की कार्यप्रणाली में भी तेजी आई है। न्यायालय में भी बेहतर पैरवी हो रही है। जिसके चलते हम प्रत्येक वर्ष दोषियों को सजा दिलाने में सफल रहे हैं इसमें सिर्फ 11 दिन में एक दोषी को सजा दिलाने का वही मामला शामिल है।
- कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल

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