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    गोरखपुर मठ के ‘महाराज’ के डर से कांपते थे अधिकारी, पुलिस ने पकड़े तीन युवक तो मची खलबली… खुल गया राज

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 08:52 AM (IST)

    संभल पुलिस ने एक फर्जी महाराज गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग खुद को गोरखपुर मठ का महाराज बताकर अधिकारियों को धमकाता था और मनचाहा काम करवाता था। गैंग के सदस्य सीएम के जनता दर्शन में आने वाली शिकायतों पर फर्जी मुहर लगाकर संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेजकर उन पर दबाव बनाते थे। इसके एवज में वह मोटी रकम वसूलते थे।

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    संभल कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में गोरखपुर मठ का महाराज बताने वाले आरोपित।

    जागरण संवाददाता, संभल। अपने आप को गोरखपुर मठ का महाराज बताने वाले फर्जी तीन युवक आखिर में पुलिस के शिकंजे में फंस ही गए। तीनों युवक लोगों के अलावा पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को फोन कर हड़काते और मनचाहा काम कराते थे। 

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    इतना ही नहीं यह युवक सीएम के जनता दर्शन के दौरान पहुंचने वाली शिकायतों को उपलब्ध कर उन पर फर्जी मुहर लगाकर संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेजकर पर दबाव बनाते थे। 

    इसके एवज में वह मोटी रकम वसूलते थे। हाल में संभल के कोतवाल को भी एक मामले में महाराज बताकर धमकाया था। इससे पहले भाजपा नेता के भाई कपिल सिंघल के कहने पर उन्होंने विपुल की पत्नी और उसके भाई को भी फैसले के लिए दबाव बनाया था।

    …तो इस तरह खुली कलई

    मालूम हो कि आनंद विहार कॉलोनी निवासी विपुल गुप्ता ने 12 फरवरी 2025 को कोतवाली में तहरीर दी थी कि मेरी पत्नी और भाई के फाेन पर धमकी भरे फोन आए थे। इसमें कपिल सिंघल और मेरे बीच चल रहे विवाद का निस्तारण का दबाव बनाया गया था और फोन पर उन्होंने अपने को मठ का महाराज होना बताया था। 

    मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस जांच में जुट गई। इससे पहले 30 जनवरी 2025 को कोतवाली संभल के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अनुज मलिक के सीयूजी नंबर पर काल आई, जिसमें एक युवक ने कहा था कि महाराज जी वार्ता करेंगे। 

    दूसरे व्यक्ति ने बात करते हुए अपने आप को गोरखपुर मठ से राज आचार्य होना बताते हुए प्रभारी निरीक्षक से मीट फैक्ट्री इंडियन फ्रोजन फूड के मालिक से तत्काल बात कराने के लिए कहा। 

    इस संबंध में कई बार बात कराने का दबाव बनाया गया और कहा कि आपका तबादला अच्छी जगह करा दूंगा, आप मुझे 20 हजार रुपये भिजवा दो। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक ने मोबाइल नंबर के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली में ही प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। 

    मामले में पुलिस की जांच ओर तेज हो गई। मोबाइल नंबर के आधार पर बाराबंकी जनपद के रामनगर थाना अंतर्गत गांव सीहामऊ निवासी नागेंद्र उसके साथी सुधीर कुमार मिश्रा और रामपुर जनपद के पटवाई थाना अंतर्गत गांव परतापर निवासी राजू को शनिवार को संभल रोडवेज बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। 

    थाने लाकर सख्ती से पूछताछ की गई, जिसमें नागेंद्र ने बताया कि कपिल सिंघल से उसकी मुलाकात लखनऊ में हुई थी। उस दौरान कपिल सिंघल ने बताया था कि मुहल्ले का ही विपुल गुप्ता काफी परेशान कर रहा है और मुकदमे बाजी चल रही है। 

    नागेंद्र ने कहा कि दोनों के बीच फैसला करा दूंगा। कपिल सिंघल ने तीस हजार रुपये व विपुल गुप्ता के स्वजन के नंबर दिए। बाकी रुपये बाद में देना तय हुआ। उसके बाद विपुल गुप्ता के स्वजन को धमकी देकर फैसले का दबाव बनाया। पुलिस के उनके कब्जे से फर्जी प्रार्थना पत्र भी बरामद किए। 

    पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हम लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जनता दर्शन में आने वाले शिकायती पत्रों पर स्टांप व फर्जी हस्ताक्षर कर इंटरनेट मीडिया के जरिए संबंधित अधिकारियों को निस्तारण के लिए भेज देते थे और निस्तारण पीड़ित के पक्ष में किए जाने का दबाव बनाते थे। 

    राजू पीड़ित को लेकर हमारे पास आता था। इसके एवज में हम पीड़ित से 30 से 50 हजार रुपये वसूलते थे और उन्हें आपस में बांट लेते थे। इसके अलावा भी नागेंद्र ने अन्य जनपदों में रसूखदार और अधिकारियों को फोन कर धमकाया जाता था।

    एक फर्जी गैंग का राजपाश किया है। जिसमें वह अपने को गोरखपुर मठ का महाराज बताते और अधिकारियों को धमकाते थे। इनकी कॉल डिटेल से जानकारी मिली है कि प्रदेश में राजस्व विभाग के 33 अधिकारियों को कॉल की गई है। पुलिस ने दबिश देकर तीनों आरोपियों को दबोच लिया और उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया।

    -कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल।

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